नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – इंडोनेशिया में हाल ही में समाप्त हुए एशियन गेम्स 2018 में अच्छा प्रदर्शन कर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने भारी पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है. भारत में आमतौर पर राजनेता इन खिलाड़ियों के लिए पुरस्कारों की घोषणा करते हैं. वहीं, इन सबके बीच मध्य प्रदेश में एक ऐसा खिलाड़ी भी है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते उससे भी नेताओं ने तमाम वादे किए, लेकिन वादे पूरे न होने के कारण अब वह सड़कों पर भीख मांगता नजर आ रहा है.
मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर में राष्ट्रीय स्तर के पैरा-एथलीट मनमोहन सिंह लोधी ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं. उनका कहना है कि जब उन्होंने पदक जीते, तो उन्हें सरकारी नौकरी और कई अन्य पुरस्कारों का आश्वासन दिया गया. उन्होंने बताया कि वह राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई बार मिले और उन्हें वादों की याद दिलाई, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मेरे सामने कोई रास्ता नहीं छोड़ा है. मनमोहन ने बताया कि 2017 के नेशनल गेम्स में 100 मीटर रेस इवेंट के दौरान उन्होंने कई पदक अपने नाम किए थे.
पैरा-धावक मनमोहन का कहना है कि उन्होंने मजबूर होकर सभी पदक अपने गले में लटकाकर, अपनी प्रशिक्षण जर्सी पहने हुए सड़क पर भीख मांगने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, “मैं आर्थिक रूप से कमजोर हूं. मुझे खेलने के लिए और परिवार को चलाने के लिए पैसों की जरूरत है. अगर मुख्यमंत्री मेरी मदद नहीं करते हैं, तो मुझे सड़कों पर भीख मांगकर अपनी आजीविका कमानी ही पड़ेगी.” मनमोहन अकेले नही हैं जो राजनेताओं के वादों से जुड़ी ऐसी दुर्दशा के शिकार रहे हों. अतीत में कई एथलीटों ने ऐसी शिकायतें सामने रखी हैं.