नई दिल्ली. नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जम कर भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोसा. राहुल ने मोदी को तानाशाह बताते हुए कहा कि नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के फैसलों ने देश की अर्थ व्यवस्था को चौपट कर दिया है. यह फैसला एक तानाशाह का फैसला था. इससे जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.
राहुल गांधी ने फाइनेंशियल टाइम्स में लिखे एक लेख में कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि बीते साल 8 नवंबर को लिया गया नोटबंदी का फैसला भ्रष्टाचार का सफाया करने के लिए है, लेकिन इन 12 महीनों में उन्होंने केवल एक चीज का सफाया किया है, वह है हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर से भरोसे का सफाया.
राहुल गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेरोजगारी के कारण उपजे गुस्से को सांप्रदायिक घृणा में बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)में दो फीसदी की गिरावट आई. इसने असंगठित क्षेत्र को तबाह कर दिया व साथ ही कई लघु व मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया. राहुल गांधी ने कहा कि इसने लाखों मेहनतकश भारतीयों के जीवन को बर्बाद कर दिया. भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र के अनुसार 2017 के पहले चार महीनों में नोटबंदी की वजह से 15 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नौकरियां गवां दीं.’
– देश में फैल रहा लाइसेंस राज
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जीएसटी को जल्दीबाजी में और गलत तरीके से लागू किया गया कदम बताया. राहुल गांधी ने कहा, ‘इसने आजीविका को तबाह कर दिया है और इसने आधुनिक समय में ‘लाइसेंस राज’ को जन्म दे दिया है, जिसमें कठोर नियंत्रण लागू कर दिए गए हैं और सरकारी अधिकारियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं.’ राहुल ने कहा, ‘ये दो अधिनियम ऐसे समय में आए हैं जब वैश्विक ताकतों को भारत की अर्थव्यवस्था से विशेष उम्मीदें हैं.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदी जैसे लोकतांत्रिक रूप से चुने गए तानाशाहों का उदय दो कारणों से होता है – पहला संपर्क में व्यापक स्तर पर वृद्धि व संस्थानों पर इसका गहरा प्रभाव व दूसरा चीन का वैश्विक रोजगार बाजार पर प्रभुत्व.’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उभरने को बेरोजगारी के कारण उपजे क्रोध व हताशा से जोड़ा. उन्होंने साथ ही इसी हताशा को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने व ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की भी वजह माना.