नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). जब से भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने वित्त मंत्री जेटली से मुलाकात का बयान दिया है, जब से देश की राजनीति गरमा गई है. विशेष रूप से कांग्रेस को भाजपा को घेरने का एक अच्छा मुद्दा मिल गया है. गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां आयोजित एक पत्रकार परिषद में दावा किया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या से संसद के गलियारे में नहीं, बल्कि संसद के सेंट्रल हॉल में मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में माल्या ने जेटली को बताया था कि वह लंदन जाने वाला है. लेकिन जेटली ने जांच एजेंसियों को सूचित करने की बजाय उसे जाने दिया. क्या जेटली ने एक आर्थिक अपराधी को देश से भागने दिया? या उन्हें प्रधानमंत्री से आदेश मिले थे? इसके साथ ही राहुल गांधी ने जेटली से इस्तीफे की भी मांग की है.
लंदन की कोर्ट में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण केस में बुधवार को सुनवाई हुई थी. माल्या ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा था कि लंदन जाने से पहले उसने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ अपने सेटलमेंट ऑफर के बारे में उन्हें बताया था. माल्या के दावों के तुरंत बाद जेटली ने कहा था कि माल्या को उन्होंने 2014 से लेकर अब तक कभी कोई अप्वाइंटमेंट नहीं दिया. माल्या उनसे मिला नहीं था, बस संसद के गलियारे में उनके साथ हो लिया था.
– हमारे पास पर्याप्त सबूत है
राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि जेटली जो बोल रहे हैं, वह सरासर झूठ है. लंबे-लंबे ब्लॉग लिखने वाले जेटली ने कभी इस मुलाकात का जिक्र नहीं किया. आज हम आपके लिए सबूत लाए हैं. हमारे नेता (पीएल) पुनियाजी ने अपनी आंखों से जेटलीजी और माल्या के बीच यह मुलाकात देखी है. पुनिया ने बताया, ‘‘2016 के बजट सत्र की बात है. एक मार्च को मैं संसद भवन के सेंट्रल हॉल में बैठा था. तभी मैंने देखा कि जेटली और माल्या वहां खड़े होकर बात कर रहे थे. बहुत अंतरंग बातें हो रही थीं. थोड़ी देर बाद वे बैठकर बात करने लगे. पुनिया ने कहा, ‘‘माल्या संसद में उस दिन जेटली से ही मिलने आए थे. तीन मार्च को मीडिया में आया कि माल्या लंदन चले गए हैं. मेरी चुनौती है कि वहां के सीसीटीवी फुटेज देखे जाएं. उससे पता चल जाएगा. अगर मैं गलत साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा.’’
– कुछ न कुछ डील जरूर हुई
राहुल ने कहा, ‘‘हमारे इस सबूत से दो सवाल उठते हैं. पहला- वित्त मंत्री एक भगोड़े से बात करते हैं. वित्त मंत्री को वह बताता है कि मैं लंदन जाने वाला हूं. वित्त मंत्री न ईडी को बताते हैं, न सीबीआई को बताते हैं और न पुलिस को बताते हैं? दूसरा सवाल यह कि माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी नोटिस को किसने बदला? यह काम वही कर सकता है जो सीबीआई को कंट्रोल करता है. अगर जेटली ने अपने आप किया तो बता दें. अगर उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिला था, तो वह भी बता दें.’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक आर्थिक अपराधी लंदन जाने से पहले वित्त मंत्री से 15 से 20 मिनट के लिए बात करता है. ये साफतौर पर मिलीभगत है. इसमें कुछ न कुछ डील हुई है. वित्त मंत्री को सफाई देकर इस्तीफा दे देना चाहिए.
– देश का 9000 करोड़ का कर्जदार है माल्या
माल्या मार्च 2016 से लंदन में है. बैंकों के 9000 करोड़ रुपए के कर्जदार माल्या के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत मामला चल रहा है. ईडी नए कानून के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित करना और 12,500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करना चाहता है.