पुणे. विगत दो सप्ताह से शहर व जलाशयों में लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से पुणेकरों को राहत मिली है. शहर को जलापूर्ति करनेवाले जलाशयों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. चारों जलाशयों में से खड़कवासला पूरी तरह भर गया. इसमें 1.97टीएमसी पानी जमा हो चुका है. ओवरफ्लो होने के बाद सिंचाई विभाग द्वारा इस जलाशय से पानी छोड़ा गया. शुक्रवार रात 9 बजे से खड़कवासला जलाशय से 2 हजार क्युसेक पानी का विसर्ग मुठा नदी में छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ. शनिवार को इस विसर्ग को बढ़ाकर लगभग 14 हजार क्युसेक कर दिया गया. इस वजह से शहर स्थित लकड़ी का पुल पानी के नीचे समा गया. नतीजा यहां से यातायात पर पाबंदी लगा दी गयी. चारों जलाशयों में 20 टीएमसी से ज्यादा पानी जमा हो चुका है. जो विगत साल के अनुपात में ज्यादा है. इससे शहर की अब साल भर की प्यास बुझ सकती है.
– साल भर के लिए पर्याप्त पीने का पानी
ज्ञात हो कि पुणे शहर को खड़कवासला परियोजना के खड़कवासला, पानशेत, टेमघर व वरसगांव जलाशयों से जलापूर्ति की जाती है. जलाशयों में जून माह के अंत में अच्छी बारिश होने की वजह से तालाबों में अच्छा जलसंचय हुआ है. तब जलाशयों में सिर्फ 2.83 टीएमसी पानी शेष बचा हुआ था. उसके बाद जलाशयों में ज्यादा पानी नहीं जमा हो रहा था. लेकिन बाद में बारिश की रफ्तार कम होती चली गयी व बाद में बारिश ने पूरी तरह से विराम दे दिया था. इस वजह से जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं जमा हो पा रहा था. लेकिन विगत कई दिनों से फिर एक बार बारिश ने रफ्तार पकड़ी है. इस वजह से जलाशयों में 68 प्रतिशत यानी 19.90 टीएमसी पानी जमा हो चुका है. जो अगले साल भर तक के लिए पर्याप्त होगा. विगत साल की तुलना की जाए, तो गत वर्ष इसी दिन तक जलाशय में 16.17 टीएमसी पानी जमा हो गया था.
– लकड़ी पुल समाया पानी में
इन चार जलाशयों में से शहर के सबसे करीब खड़कवासला जलाशय है. जिसकी क्षमता 1.98 टीएमसी है. मूसलाधार बारिश की वजह से यह जलाशय भर चुका है. इस जलाशय में अब तक 1.97टीएमसी पानी जमा हो चुका है. यानी 100 प्रतिशत यह भर चुका है. इन जलाशयों को पूरा भरने नहीं दिया जाता. क्योंकि शहर के नजदीक होने से इससे पानी का विसर्ग मुठा नदी के माध्यम से छोड़ा जाता है. यह पानी उजनी जलाशय में जाता है. सिंचाई विभाग के अनुसार खड़कवासला जलाशय से शुक्रवार रात 9 बजे से 2 हजार क्युसेक पानी छोड़ा जा रहा था. लेकिन रात को फिर बारिश ने रफ्तार पकड़ने से पानी का विसर्ग बढ़ा दिया गया. शनिवार सुबह 7 बजे से ही यह विसर्ग बढ़ाना शुरू किया था. यह विसर्ग शनिवार शाम तक 14 हजार क्युसेक छोड़ा जा रहा था. लेकिन इस ज्यादा पानी की वजह से शहर का सबसे पुराना लकड़ी पुल पानी के नीचे गया. इस वजह से यहां से यातायात को पाबंदी लगा दी गयी थी. नतीजा परिसर मे यातायात में परेशानी देखने को मिली. इसको देखकर मनपा प्रशासन की ओर से नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.