पुणे (तेज समाचार डेस्क). विभिन्न अपराधों में जेल में सजा काटनेवाले कैदियों को सजा के दौरान कोई न कोई काम दिया जाता है. इससे कैदियों का मन काम में रमा रहता है और उनके स्वाभिमान की भावना भी जागृत होती है. हाल ही में पुणे की येरवड़ा जेल में जेल प्रशासन की ओर से इस्त्री विभाग शुरू किया गया है और कैदियों को कपड़ों पर प्रेस करने का काम दिया गया है. लोगों को भी कैदियों द्वारा प्रेस किए कपड़े पसंद आ रहे है. मात्र 15 दिन में जेल के इस्त्री विभाग को 42 हजार की आय
हुई है.
उल्लेखनीय है कि राज्य की विभिन्न जेलों में करीब 30 हजार कैदी विभिन्न मामलों में जेल में सजा काट रहे हैं. इन कैदियों को विभिन्न प्रकार के काम दिए जाते है, जिसमें बुनाई, बढ़ई, कृषि आदि जैसे अनेक काम शामिल है. इन कामों के बदले उन्हें मजदूरी भी दी जाती है. इससे कैदियों का मन काम में लगा रहता है और उनमें स्वाभिमान से जीने की भावना भी निर्माण होती है.
– अभी तक करते थे अधिकारियों के कपड़ों पर इस्त्री
हाल ही में पुणे की येरवड़ा जेल के कैदियों को कपड़े इस्त्री करने का काम दिया गया है और इसके लिए अलग विभाग भी बनाया गया है. इस विभाग में कैदियों को अधिकारियों, कम्रचारियों व उनके परिवारों के कपड़े प्रेस करने के लिए दिए जाते थे. पिछले 15 दिनों से इस विभाग में बाहरी नागरिकों के कपड़े भी इस्त्री के लिए आने लगे है. लोगों को भी इन कैदियों द्वारा प्रेस किए कपड़े पसंद आ रहे है और इन कैदियों के काम की सराहना की जा रही है.
-गुंजन टॉकिज के पास शुरू किया गया केन्द्र
कैदियों के लिए जेल प्रशासन द्वारा यह इस्त्री की दुकान येरवडा जेल चौक, गुंजन टॉकीज के पास कारागृह उद्योग बिक्री केंद्र में शुरू की गई है. वर्तमान में इस दुकान में 5 कैदी काम कर रहे हैं. इस दुकान की विशेषता यह है कि यहां बाजार दाम से कम दामों में कपड़े इस्त्री किए जाते है. पिछले 15 दिनों में इन कैदियों ने 42 दिन का गल्ला जमा किया है और हर दिन इसमें वृद्धि हो रही है. जेल प्रशासन के अनुसार प्रेस के लिए आनेवाले कपड़ों की संख्या को देखते हुए भविष्य में इस विभाग में कैदियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.