जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). गत 10 जून को वाकड़ी मे हुए दलित नाबालिगों पर अत्याचार की घटना के बाद पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए गांव मे नेताओं विशेष कर विरोधी दल के नेताओं का जमघट बरकरार है. इसी कड़ी में आज बुधवार दोपहर कांग्रेस के पूर्व मंत्री मुकूल वासनिक पार्टी पदाधिकारियों के साथ पीड़ितों का हालचाल जानने वाकड़ी पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित नाबालिकों के दोनों परिवारों से बातचीत की. वासनिक ने पीड़ितों का ढांढस बंधाया. साथ ही पार्टी की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.
– सांत्वना के बहाने ईद की मुबारकबाद
हालांकि वासनिक वाकड़ी में पीड़ित परिवार से मिलने आए थे. लेकिन इसी बहाने यानी एक पंथ दो काज वाली कहावत सार्थक करते हुए वे लौटते समय गांव के धनी परिवार की गुजारिश पर उनके घर गए और जलपान किया. इसके बाद वह नियोजित कार्यक्रम के तहत आगे रवाना हो गए. पीड़ितों की सांत्वना के लिए दिल्ली से आए किसी नेता का सद्भावना वाला यह अंदाज शायद अपने आप में अनूठा प्रयोग भी कहा जा सकता है, जिसे लेकर लोगों में आश्चर्य व्यक्त किया जाना लाजमी है. पीड़ितों से मुलाकात के दौरान वासनिक ने मामले से जुड़े उन्हीं सवालों की समीक्षा की जो अब तक पधारे नेताओ ने की थी.
– राहुल को नोटिस पर सकपका गए वासनिक
मामले को लेकर ट्वीटर पर राहुल गांधी द्वारा वायरल वीडियो पर राज्य बाल अधिकार आयोग द्वारा जारी नोटिस के विषय पर पूछे गए सवाल का वासनिक ने गोलमोल जवाब देते कहा कि नोटिस का मतलब प्रशासन की ओर से मामले की धार कम करना है. मौके पर ललिता पाटिल, ज्योत्सना विसपुते, हेमलता पाटिल, अविनाश भालेराव, डी जी पाटिल, उल्हास पाटिल, संदीप पाटिल समेत तहसील इकाई के पदाधिकारी उपस्थित रहे.
– जामनेर में कृति समिति का मोर्चा
वाकड़ी मामले के विरोध मे आज शहर में अनूसूचित जाति – जनजाति कृति समिति की ओर से मोर्चा निकाल कर आंदोलन किया गया. इस मोर्चे का नेतृत्व रामचंद्र पाखरे, सुनील बाविस्कर ने किया. तहसील कार्यालय में पहुंचे इस मोर्चे को संबोधित करते बहुजन विचारक किशोर तायडे ने कहा कि वर्तमान सरकार के राज में दलितों और पिछडों पर होने वाले अत्याचार के मामलों में 400 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. वाकड़ी मामले में पुलिस की भूमिका संदेहजनक है. आंदोलन में राजू खरे, बालू पाखरे, रवि बिर्हाडे, भगवान दोडके, शक्ति सुरवाडे, धना पारधे समेत महिलाओं की संख्या अधिक रही.