चेन्नई (तेज समाचार डेस्क). हाल ही त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 साल के वामपंथी शासन को पूरी तरह से खत्म करते हुए एकछत्र राज कायम कर लिया है. लेकिन सत्ता हाथ से जाने के बाद से प्रदेश में वामपंथी पूरी तरह से बौखला गए है, वहीं हिन्दू संगठनों के हौसले पूरी तरह से बुलंद है, जिससे वर्षों से दबी कुंठा और चिंगारी ने अचानक आग पकड़ ली है. हाल ही में त्रिपुरा में कुछ लोगों ने लेनिन की पूर्णाकार मूर्ति को तोड़ दिया. इससे पूरे देश के वामपंथी बौखला गए है और इन मूर्तियों को तोड़ने में जुट गए है, जिससे हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो सकती है. इस घटना के बाद मंगलवार को ही तमिलनाडु के वेल्लोर में भी द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक और समाजसुधारक ईवी रामासामी पेरियार की प्रतिमा का चश्मा और नाक तोड़ दी गई. इसके बाद कोयंबटूर में बीजेपी ऑफिस पर बम फेंका गया. कोलकाता में भी संघ के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोत दी गई. देश में हो रही मूर्ति तोड़ने या उनकी अवमानना की घटनाओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काफी आहत है और उन्होंने मूर्ति तोड़ने की घटनाओं पर कड़ी आपत्ति जताई है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि देशभर में मूर्ति तोड़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर चिंता जताई है. मंत्रालय इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करेगा. गृह मंत्रालय ने राज्यों को भी इस तरह की घटनाओं पर जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं. ये भी कहा कि जो लोग में इसमें शामिल होंगे, उनसे कानून के तहत सख्ती से निपटा जाएगा.
पुलिस के मुताबिक, वेल्लोर के तिरुपत्तूर में रात करीब 9.15 बजे नशे की हालत में आए दो शख्स ने प्रतिमा तोड़ी. उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. एक आरोपी मुथुरमन बीजेपी का सदस्य है, जबकि फ्रांसिस नाम का दूसरा शख्स सीपीएम से जुड़ा है.