अकोला (अवेस सिद्दीकी): मकरसंक्रांती के चलते शहर मे विविध समाज के नागरिको ने पतंग उडाने का लुतफ उठाया,साथ ही स्थनिय जिलाधिकारी एवं जिला पुलीस अधीक्षक भी पतंग उडाने मे मग्न नजर आए।
शहर एवं तहसील स्तर पर बडे पैमाणे पर चायनीज मांजे की खरीद ओ फरोखत होने की जानकारी सूत्रो द्वारा सामने आई है प्रतिबंध होने के बावजुद शहर मे माफियाओ द्वारा पुलीस के नाक के निचे लाखो रुपय का प्रतिबंधित मांजा बेचा गया ज्ञात रहे चायनीज मांजा पशु,बच्चो आदी को गँभीर रूप से घायल कर सक्ता है लेकीन इस संदर्भ मे पुलीस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कारवाई नही की गइ तथा हुई भी तो इतमीनान बखश नही,शहर मे हर जगह चायनीज मांजे का उपयोग नजर आया,प्रतिबंध होने की वजह से दुकान दारो द्वारा दुगने दामो मे लाखो रुपय का चायनीज मांजा बेचे जाने की गंभीर खबर सामने आई है,इस संदर्भ मे पुलीस प्रशासन को कोई जानकारी क्यों प्राप्त नही हुई?,आखीर क्यों इन माफियाओ पर महेरबानी?
पुरे शहर मे तस्करी किए जाने पर भी पुलीस को कानो कान खबर नही हुई,खुशकीसमती से शहर मे इसकी वजह से कोई अनुचित घटना सामने नही आई ,क्या प्रशासन को कोई बडी घटना का इंतेजार था?,आखीर कहा पुलीस प्रशासन कमजोर पडा?,शहर मे कडा पुलीस बंदोबस्त होने के बाद भी माफिया काम्याब नजर आए तथा दुगने दामो मे प्रतिबंधित मांजा बेच सक्रिय हुए ,दुसरी ओर जिलाधिकारी एवं जिला पुलीस अधीक्षक भी पतंग उडाने मग्न नजर आए कही इन्के द्वारा इस्तेमाल किया गया मांजा चायनीज ही तो नही था? ऐसे अनेको सवाल नागरिको द्वारा किए जारहे है।