शिरपूर ( तेज़ समाचार प्रतिनिधी ):1 नवंबर 2005 के बाद के कर्मचारियों काे पेन्शन न देना, वरिष्ठ वेतनश्रेणी देने वक्त वह शाला शालासिद्धी की ‘अ ‘ ग्रेडमे हाेना, एवंम 100% विद्यार्थी प्रगत हाेना, आदी कर्मचारीयों के लिये समस्या निर्माण करनेवाला 1अक्टूबर 2017 का नियम रद्द करना, 12 साल की सेवा हुए कर्मचारियों को तत्काल चटोपाध्यायश्रेणी मिलना आदी समस्याआें की माँग काे लेकर महाराष्ट्र राज्य पुरानि पेन्शन हक्क संघटनके कार्यकर्तांआेने उपजिल्हाधिकारी को ज्ञापन सौंपा!
शिक्षा क्षेत्र मे काफी हडकंप मचने का आरोप लगाते हुए सरकार 1नवंबर 2005 के बाद के कर्मचारियों को पेन्शन नकारते हुए उनके बुढापे का हक का अधिकार छिनने की बात कहते हुए एक बार पॉच साल के लिए विधायक चुने जाने पर उन्हे पेन्शन मिलती हेेै ! वहीं 35-40 साल ईमानेएैतबारे सेवा करनेवाले कर्मचारियों को पेन्शन नकारना ऐसा दुजाभाव क्यो ? ऐसा क्रोधभरा सवाल कर्मचारि पुछ रहे है!फिलहाल शिक्षा क्षेत्रमे पढाने से कहीं अधिक सामना शिक्षकों को सरकारके कठीन नियमोंका करना पड रहा है!
महाराष्ट्र राज्य पुरानी पेन्शन संघटनने हमेशा से कर्मचारीयोंको न्याय दिलाने के काम कर रही है लेकीन सरकार आश्वासन देने के अलावा कोई निर्णायक भूमिका नहीं लेती जिसके विरोध में संघटनने पुरे राज्य मे ज्ञापन साेपकर विरोध जताया! अगर सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो राज्यभर रास्तेपर उतरने का इशारा संघटनोने दिया है इसवक्त जिलाध्यक्ष शशांक रंधे सहचिटनिस सागर पवार सिंदखेडा तहसिलाध्यक्ष विकास तोरसाले दानेश्वर बाविस्कर शिरपूर तहसिलाध्यक्ष संदिप पवार भूषन सूर्यवंशी युवराज पवार किशाेर पाटिल किरण पंडित आदि उपस्थित थे ।