मुंबई (तेज समाचार डेस्क). 1 जनवरी को कोरेगांव-भीमा में शौर्य दिन के मौके पर भड़के दंगे के मामले में शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के प्रमुख संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए पुलिस थानों में शिकायतें दर्ज कराई गई थी. इसमें से मिलिंद एकबोटे को तो गत दिनों पुणे ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और इस समय वे न्यायीक हिरासत में जेल में है. लेकिन मामले के दूसरे आरोपी शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के प्रमुख संभाजी भिड़े उर्फ गुरुजी को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने क्लीन चिट दे दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक की जांच में भिड़े गुरुजी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है, इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
– दलित नेताओं को तगड़ा झटका
यह दलित नेताओं के लिए बड़ा झटका है, जो भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन कर रहे हैं. मंगलवार को राज्य की कानून-व्यवस्था पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि भिड़े गुरुजी के खिलाफ एक महिला ने शिकायत की थी. शिकायत में उसने कहा था कि वह गुरुजी को पहचानती हैं, लेकिन जांच में गुरुजी के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिले. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने गुरुजी को नहीं देखा था. उनकी कहीं भी घटनास्थल पर मौजूदगी या फोन पर चर्चा के सबूत नहीं मिले हैं, इसके बावजूद जांच बंद नहीं हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने फेसबुक पोस्ट सहित कुछ नए सबूत दिए हैं. इसकी भी जांच कराई जाएगी. उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को नकार दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार किया गया. अदालत ने उसे गिरफ्तार न करते हुए जांच करने को कहा था, जबकि सरकार ने हर जगह उसकी जमानत का विरोध किया. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज की. भीमा-कोरेगांव घटना महाराष्ट्र पर कलंक है.
– दंगे में हुआ था 13 करोड़ से ज्यादा नुकसान
भीमा-कोरेगांव दंगे मामले में 9234 लोगों पर कार्रवाई की गयी. इस दंगे में 13 करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ. मुख्यमंत्री ने हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था पर पाबंदी के विषय में कहा कि वर्ष 2012 में राज्य सरकार की तरफ से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे यूपीए सरकार ने नकार दिया था. वर्ष 2015 में सरकार ने नए सबूत के साथ प्रस्ताव भेजा है, फिलहाल यह मामला केंद्र के पास विचाराधीन है.