जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). सांगठनिक तर्ज पर गौरव प्राप्त तहसील भाजपा के कैडर बेस संगठन में शहापुर निवासी पार्टी कार्यकर्ता नागेश पाटील ने पंचायत समीति की वर्तमान सभापति के खिलाफ अपने संवैधानीक मौलिक अधिकारों का अचानक उपयोग किया है.
नागेश के मुताबिक पंचायत समीति के ओबीसी महिला आरक्षित पद के लिये पार्टी द्वारा उनके ही गण से बतौर सदस्य निर्वाचित तथा सभापति मनोनित श्रीमती रूपाली नवलसिंह पाटील ने पंचायत के आम चुनावों के दरम्यान प्रत्याशी नामांकन के साथ जाति वैधता प्रमाणपत्र जोड़ने की बजाय उसका टोकन प्रस्तुत किया. कानूनन 6 महिने के भीतर प्रशासन को वैलिडीटी पेश करना अनिवार्य है. बावजूद इसके श्रीमती पाटील ने ऐसा नहीं किया है, जिसके चलते उनकी नियुक्ति रद्द कर सदस्यता निरस्त करने की मांग नागेश ने की है.
तेज समाचार संवाददाता से वार्तालाप मे नागेश ने बताया कि उन्होंने यह जानकारी सूचना के अधिकार कानून तहत हासिल की है. पहूर गण से निर्वाचित पूजा भडांगे भी वैलिडीटी प्रस्तुत करने में अक्षम साबित हुई है. सभापति के निरस्तता को लेकर जिलाधिकारी समेत संभागीय आयुक्त से पत्राचार किया गया है और अब प्रतीक्षा निर्णय की है. सकारात्मक न्याय न मिलने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी
तैयारी है.
विदित हो कि शायद ही तहसील भाजपा मे ऐसा पहली बार हुआ हो कि पार्टी द्वारा मनोनीत संस्था के किसी पदाधिकारी के खिलाफ पार्टी से ताल्लुक रखते किसी व्यक्तित्व ने मुखर होकर अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रयोग का प्रयास किया
गया हो.