ग्रेटर नोएडा (तेज समाचार डेस्क). एक तरफ उत्तर प्रदेश गरीबों के उत्थान के लिए नित नई उपाय योजनाओं पर अमल कर रही है, तो ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी है, जो सरकार की योजनाओं का अनुचित तरीके से लाभ उठाने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं. हाल ही में देखा गया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा चलाई गई ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के तहत मिलनेवाले पैसे, ज्वैलरी औऱ गिफ्ट के लालच में कई विवाहित जोड़े पुन: शादी करने के लिए सरकारी शादी में पहुंच गए.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में 11 जोड़ों ने सिर्फ 20 हज़ार रुपए, ज्वैलरी और कुछ गिफ्ट के चक्कर में शादी की, जबकि ये जोड़े पहले से ही शादीशुदा थे. करीब 3 जोड़े तो ऐसे थे, जिनके बच्चे भी है. मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए है. तीन बच्चों वाली दंपतियों ने रचाई शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 24 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के वाईएमसीए क्लब में 66 जोड़ों का विवाह जिला प्रशासन ने संपन्न कराया था. प्रत्येक नवदंपति को शासन की योजना के तहत 20 हजार रुपए नगद, गहने, उपहार तथा अन्य सामान दिया गया था. खबरों के मुताबिक 11 शादीशुदा जोड़ों ने फिर से शादी रचा ली. यह सभी जोड़े दनकौर थाना क्षेत्र के चिति नगला गांव के रहने वाले हैं. तीन जोड़ों के तो बच्चे भी हैं.
यह पहली बार नहीं है कि जब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना विवादों के घेरे में है. इससे पहले औरैया में 55 कन्यायों का विवाह कराया गया. 25 दुल्हनों ने आरोप लगाया था कि उन्हें चांदी की जगह लोहे के नकली गहने दिये गये थे. दुल्हनों ने कहा कि 35-35 हजार रुपये देने की बात कही गई थी, लेकिन व्यवस्था के नाम पर 15-15 हजार रुपये काट लिए गए. वहीं फर्रुखाबाद में 88 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराए गए. लेकिन इनमें तीन जोड़े पहले से ही शादीशुदा थे.
गौरतलब है कि गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए इस प्रकार का सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है, जिससे परिवार पर शादी का बोझ न पड़े. इन कार्यक्रमों में नए जोड़ों को ज्वैलरी और तोहफे दिए जाते हैं. इसके अलावा राज्य प्रशासन की ओर से कन्याओं को 20 हज़ार रुपए की रकम भी मिलती है. इतना ही नहीं कई एनजीओ इन शादियों में जोड़ों का गृहस्थी से जुड़े सामान भी गिफ्ट में देते हैं.