जलगांव. जिला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के द्वारा बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डिझेल-गॅस के भाव में बढोत्तरी, किसानों को सीधा कर्जमाफी ऐसी विविध मांगो के लिए जिले के राकांपा नेताओ सहित कार्यकर्तो ने जिलाधिकारी कार्यालय पर झुठे धोरण के विरोधी नारे देकर जिलाध्यक्ष विधायक सतिष पाटील के नेतृत्व में जिलाधिकारी किशोरराजे निंबालकर को ज्ञापन सौंपा. इस समय पूर्व पालकमंत्री गुलाबराव देवकर, पूर्व विधायक अरुणभाई गुजराथी, विनोद देशमुख, राजु देशमुख, विलास पाटील, जिला समन्वयक विकास पाटील, महिला जिलाध्यक्ष कल्पना पाटील, ललित बागुल, एड.सचिन पाटील, नीला चौधरी, मिनल पाटील, कल्पिता पाटील एवं सभी जिलेसहित तहसिल के कार्यकर्ते मौजुद थे.
– ये है मांगें
- १. किसानों को जाहीर की हुए कर्जमाफी झुठी हैं, किसानों के हाथ में अभीतक कुछभी नही आया हैं. सरकार ने विगत ६ माह से कर्जमाफी का घोटाला जानबुझकर शुरू किया हैं. महाराष्ट्र के सभी किसानों को सीधी कर्जमाफी होनी ही चाहिए. रब्बी हंगाम के लिए किसानों के बकाया ना रखते हुए उन्हें कर्जवितरण करना चाहिए.
- २. स्वामीनाथन आयोग लागू करके खेती माल को योग्य भाव मिलना चाहिए.
- 3 ज्वारी, मक्का, कपास आदि का हंगाम शुरू हुआ हैं. इसलिए सरकार ने तात्काल शुरू करें.
- ४. कर्जमाफी फार्म ना भरनेवाले किसानों के फार्म भरना. फसल बिमा निकालने वाले किसानों को ६० से ७० प्रतिशत नुकसान हुआ हैं. उन्हें तात्काल नुकसान भरपाई मिलनी चाहिए. जीएसटी के कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं.
- ५. आंतरराष्ट्रीय बाजारपेठ में इधन की किंमत कम होनेपर भी सरकार पेट्रोल एवं डिझेल के दरें बढ़ाकर जनता को लूटने का काम कर रही हैं.
- ६. बेरोजगारी बढ़नेसे सरकार ने नौकर भरती जाहिर करें. उससे बेरोजगार युवकों को काम मिलेगा.
- ७. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ सेवा में ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. बालमृत्य का प्रमाण बढ़े हैं. तथा कुपोषण समस्यापर सरकार के पास कोई उपाययोजना ही नहीं हैं.
- ८. विगत 3 सालों से छात्रवृत्ती बंद होने से शिक्षा व्यवस्था में झोल शुरू हैं.
- ९. पूरा जिला सूखाग्रस्त जाहिर करें आदि मांगो का ज्ञापन सौंपा गया.
अंत्ययात्रा निकालकर सरकार का निषेध
राष्ट्रवादी कार्यालय से राकांपा नेताओं सहित कार्यकर्तो ने सरकार का निषेध करके बैलगाडी पर किसान ने फाशी लेने का पुतला एवं दुसरे गाडी पर पेट्राल डिझेल दर बढने से मोटारसाईकल लटकाई हुई यात्रा निकाली गई. तथा जलसंपदामंत्री गिरीश महाजन ने कपास को ७ हजार का भाव मिलने की मांग कुछ सालों पहले की थी. उनका भी निषेध इससमय किया गया. जिले के अनेक कार्यकर्ताे ने आंदोलन में शामिल होकर सरकार के विरोध में जनआक्रोश पुकारा था.