इंदौर(तेज़ समाचार प्रतिनिधि): ग्वालटोली पुलिस ने धर्म परिवर्तन करवाने वाले नेटवर्क से जुड़े बीए छात्र और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। दोनों के कब्जे से चार नाबालिग लड़कियां और सात लड़के मिले। आरोपी पिकनिक मनाने के बहाने नागपुर कैंप में ले जा रहे थे। पूछताछ में दोनों ने एक शिक्षक का नाम कबूल किया है। वह छोटे बच्चों का ‘ब्रेनवॉश’ कर धर्म बदलने पर मजबूर कर देता है।
सीएसपी पवन मिश्रा के मुताबिक रविवार देर रात सूचना मिली कि अल्केश गढावा निवासी पंचवटी कॉलोनी (एरोड्रम) और हारुन डाबर निवासी मकड़िया आंबुआ (आलीराजपुर) आदिवासी इलाकों के छोटे बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए नागपुर ले जा रहे हैं। पुलिस ने दबिश दी और दोनों को सरवटे बस स्टैंड से पकड़ लिया। आरोपियों ने बताया उन्हें खड़गांव (नागपुर) लेकर जा रहे थे।
इन कैंपो में ब्रेनवॉश करते है टीचर
पूछताछ में आरोपियों ने बताया खड़गांव (नागपुर) में कैंप पांच दिन का था। इसमें बाइबिल की पढ़ाई के साथ क्रिश्चियन धर्म के बारे में बताया जाता है। बच्चों को क्रिश्चियन मान्यता और धर्म के बारे में जानकारी देकर ब्रेनवॉश किया जाता है। कैंप में कई शहरों के टीचर शामिल होते हैं। गरीब और कम पढ़े-लिखे लोगों को धर्मांतरण के बारे में समझाया जाता है। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर अपहरण और मप्र धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 3 व 4 के तहत केस दर्ज कर उन्हें रिमांड पर लिया है। पुलिस प्रमोद जैकब सहित अन्य की तलाश कर रही है।
ड्रॉइंग प्रतियोगिता के बहाने बुलावा
सीएसपी के मुताबिक अल्केश ने बताया वह बीए (प्रथम वर्ष) की पढ़ाई कर रहा है। लगभग 10 दिन पूर्व उसका संपर्क प्रमोद जैकब (सर) से हुआ था। उसने धर्म परिवर्तन के बारे में बताया और कहा आदिवासी इलाकों के छोटे बच्चों को कैंप लेकर आओ। उन्हें गिफ्ट, कपड़े और रुपए देने का लालच दिया। अल्केश ने बच्चों के माता-पिता से कहा नागपुर में ड्रॉइंग प्रतियोगिता, हेल्थ और बच्चों के भविष्य के बारे में कार्यशाला की शुरुआत हुई है।
यहां उन्हें अच्छे कपड़े और गिफ्ट मिलते हैं। परिजन उसकी बातों में आ गए और साथी हारुन के जरिए बच्चों को इंदौर बुलाया। बस छूटने के कारण हारुन ने मकान मालिक मनोहर मोरने को बस स्टैंड पर बुलाया। मनोहर यहां पहुंचा तो बच्चे सहमे हुए थे। उसे शक हुआ और पुलिस को खबर कर दी।