मुंबई(तेज समाचार प्रतिनिधि)::यात्राएं जिंदगी का नजरिया बदल देती हैं. घुमक्कड़ी शौक भी ऐसा है कि जुनूनी और जिद्दी हो जाए तो हिम्मत के पंख सारा आसमान नाप सकते हैं. मुंबई में रहने वाले दो घुमक्कड़ों ने प्लान बनाया और साइकिल के जरिये 5000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर पहुंच गए थाईलैंड के बैंकॉक. पूरा सफर तकरीबन 2 महीने का था और बीच में थी तीन देशों और सात राज्योंं की सीमाएं. 60 दिनों के सफर में थे कई पड़ाव. काफिला बढ़ता गया और आखिरकार पहुंच गया थाईलैंड. साइकिलिंग का शौक तो अमूमन सभी रखते हैं, लेकिन 5888 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए वाकई जिगर चाहिए. मुंबई के रहने वाले प्रशांत मदान और विजय चिदंबरम हाल ही में साइकिल से इतनी ही लंबी यात्रा कर लौटे हैं.तकरीबन 62 दिनों में प्रशांत और विजय देश के सात राज्यों महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, नागालैंड, असम, मणिपुर और तीन देशों इंडिया, म्यांमार और थार्इलैंड से गुजरे.
प्रशांत के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के जरिये हम अपनी लाइफ में उन सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं, जिनका आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई देती. साइकिल से मुंबई से थाईलैंड जाना इस प्रोजेक्ट का दूसरा बड़ा सपना था. मुंबई से बैंकॉक के साइकिलिंग टूर से बेहद एक्साइटेड प्रशांत कहते हैं- हमने इसे पूरा करने के लिए बाकायदा प्लानिंग की. सबसे पहले मुंबई के आसपास लगातार साइकिल चलाने की प्रैक्टिस की और धीरे-धीरे खुदको तैयार किया. प्रशांत कहते हैं कि हम रोजाना 140 किलोमीटर चलते थे. सड़कें कई जगह खराब थी, तो कई जगहों पर उम्मीद से कहीं शानदार. छत्तीसगढ़ की रोड सबसे शानदार रहीं, सभी जगह एक जैसी. वहीं उड़ीसा की सड़कों पर चलना बहुत थकाने वाला था. प्रशांत कहते हैं- छत्तीसगढ़, उड़ीसा, नागालैंड और असम से गुजरते हुए सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर मन में डर था, लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़ते रहे, लोग मिलते रहे और धीरे-धीरे डर जाता रहा. देश के सारे लोग अपने ही दिखाई दिए.
सुरक्षा कोई मुद्दा हो सकती है लगा ही नहीं. वो कहते हैं कि इस लंबी यात्रा में हेल्थ को लेकर हमारे न्यूट्रीशियस, डॉक्टर्स और सपोर्ट टीम का भी अहम रोल था.उनकी पत्नी आंचल एक सपोर्ट कार के साथ लगातार उनके साथ थी, लेकिन उनका कैमरा इस रोमांचक सफर का गवाह ज्यादा बना रहा. उन्होने बताया के इस पूरे सफर में हमें सभी जगह लोगों से बहुत प्यार मिला. कई लोगों ने चाय पिलाई, खाना खिलाया तो कई बार स्वागत भी किया.वो