नई दिल्ली( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):40 सुखोई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल लगाई जा रही है। यह काम 2020 तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में वृद्धि हो जाएगी। हाल ही में दुनिया की सबसे तेज रफ्तार सुपरसोनिक मिसाइल के आकाश से मार करने वाले संस्करण का सुखोई-30 लड़ाकू विमान से सफल प्रक्षेपण किया गया था।
जानकारी के मुताबिक 40 सुखोई विमानों को ब्रह्मोस को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार करने का काम शुरू हो गया है और यह परियोजना आने वाले तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी। ब्रह्मोस के प्रक्षेपण के लायक बनाने के लक्ष्य से सरकारी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में इन 40 सुखोई विमानों में संरचनात्मक बदलाव किये जाएंगे। ढाई टन वजनी यह मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलता है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है।
भारत को पिछले वर्ष मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) की पूर्ण सदस्यता मिल गई थी, जिसके बाद उसपर लगे कुछ तकनीकी प्रतिबंध हटने के चलते इस मिसाइल की क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक किया जा सकता है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम वाला ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार होगा।