पुणे (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):पुणे की ट्रैफिक पुलिस ने एक अनोखा तरीका निकाला है। इस काम के लिए उन्होंने सीधे ‘यमराज’ की मदद ली है। इसलिए महाराष्ट्र के इस शहर की किसी सड़क पर आपको गाड़ी चलाते वक्त अगर कभी ‘यमराज’ नजर आ जाएं तो डरिएगा मत, बस उनकी बात मानकर मोबाइल जेब में रख लीजिएगा।दरअसल ट्रैफिक पुलिस की नई योजना के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर फोन यूज करता हुआ दिखा तो उसको टोकने के लिए पुलिस की जगह हिंदुओं में मृत्यु के देवता की उपाधि वाले यमराज के गेटअप में एक वॉलन्टिअर उस ड्राइवर के सामने जाकर उसे टोकेगा। इतना ही नहीं, ‘यमराज’ के साथ-साथ मानवों की मृत्यु और स्वर्ग और नरक का हिसाब-किताब रखने वाले ‘चित्रगुप्त’ भी होंगे। ड्राइवर को रोककर यमराज उससे पूछेंगे, क्या तुम मेरे साथ आना चाहते हो? ताकि ड्राइवर को यह समझ आए कि गाड़ी चलाते वक्त फोन का यूज करना मतलब मौत को बुलावा देना है।
पुणे की सड़कों पर ‘यमराज’ आज 13 मई से दिखने शुरू हो रहे हैं। पुणे ट्रैफिक पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर एम. पी. सरतापे ने इस अनोखे आइडिया को अपनाए जाने की पेशकश रखी थी जिस पर डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ट्रैफिक) अशोक मोराले ने सहमति जता दी है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को हतोत्साहित करने के लिए यह आइडिया चेन्नै की ट्रैफिक पुलिस कुछ साल पहले अपना चुकी है।
हिंदुओं में यमराज को मृत्यु का देवता माना जाता है इसलिए वे यमराज से डरते हैं। हम इसी डर पर खेलना चाहते हैं ताकि लोगों को ड्राइव करते वक्त मोबाइल यूज करने से रोक सकें। एक बार सड़क पर उनका सामना यमराज से हो जाएगा तो अगली बार ड्राइव करते वक्त मोबाइल यूज करने से पहले उनको यमराज का चेहरा अपनेआप याद आ जाएगा और शायद यह उन्हें रोकने के लिए काफी हो।
पुणे की सड़क पर जो यमराज दिखेंगे उनका नाम अप्पा अखाड़े है। अप्पा एक प्राइवेट फर्म में सिक्यॉरिटी सुपरवाइजर हैं और अपनी मर्जी से ट्रैफिक पुलिस की मदद को आगे आए हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगा कि लोगों को जागरूक करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की मदद करना मेरी जिम्मेदारी है। यमराज बनने के लिए मेरी कद-काठी भी ठीक है इसलिए जब पुलिस ने मुझसे मदद मांगी तो मैं तुरंत तैयार हो गया। अगर मेरी इस कोशिश से कुछ लोग भी ड्राइव करते वक्त मोबाइल यूज करना छोड़ देंगे तो मैं समझूंगा कि मेरा प्रयास सफल