रांची. जहां एक ओर देश के विभिन्न संगठन गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गोवंश को बचाने की कोशिशों में लगे है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी है कि अपनी हरकतों से देश में तनाव माहौल पैदा कर रहे हैं. अब झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने बयान दिया है कि हम फरवरी में अपने गांव में काली गाय की बलि देंगे. सरकार में हिम्मत है, तो हमें रोक कर दिखाए. दरअसल, आदिवासियों की परंपरा के नाम पर होने वाले पशु वध को जायज ठहराते हुए तिर्की ने कहा कि अगले साल फरवरी में उनके गांव में भी काली गाय की बलि दी जाएगी और अगर सरकार में हिम्मत है तो वह रोक कर दिखाएं.
झारखंड विकास मोर्चा के नेता बंधु तिर्की से जब पत्रकारों ने पूछा कि राज्य में गोवंशीय पशुओं की हत्या पर बैन लगा हुआ है, ऐसे में बलि को प्रमोट करना कितना जायज होगा. इस पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह आदिवासियों की परंपरा का एक हिस्सा और सरकार इसे रोक नहीं सकती.
बंधु तिर्की ने कहा कि उनके बनहोरा इलाके के मौजा के बोंगाबुरु टोंगरी के लोग हर एक खूंटा यानी कि एक पीढ़ी के बाद इस प्रथा को दोहराते हैं और यह वर्षों से चली आ रही है. पुराने दिनों को याद करते हुए तिर्की ने कहा कि उन्होंने अपने होशो हवास में इस तरह की बलि तब देखी थी जब वह चौथी और पांचवी कक्षा में थे.
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