पटना. जब से नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिल कर बिहार में सत्ता बनाई है, तब से जेडीयू के शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में ठन गई है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने विरोधियों व शरद यादव पर खूब निशाना साधा है. नीतीश ने कहा है कि जब हम लोग 2013 में एनडीए से अलग हो रहे थे, तो शरद यादव ने क्यों नहीं रोका.
नीतीश ने कहा कि शरद यादव उस समय जेडीयू के अध्यक्ष थे. उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को भ्रम है कि जेडीयू का जनाधार नहीं है. लेकिन जेडीयू जहां जिसके साथ रहती है उसकी जीत होती है. नीतीश ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में हमारा उम्मीदवार सब क्यों हारा? ईमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन नहीं हुआ है.
नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता ने जनाधार न्याय के साथ विकास के लिए दिया था न कि किसी परिवार को बचाने के लिए. उन्होंने कहा कि जेडीयू का कोई भी प्रतिबद्ध कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है. सिर्फ एकाध लोगों को छोड़कर. वहीं, उन्होंने रमई राम पर हमला करते हुए कहा कि वे पार्टी मीटिंग के बाद बाहर निकलकर बोल दिए थे कि चार दिन का अल्टीमेटम दिया गया है.
नीतीश ने कहा कि जो जनता को वोटर के रूप में देखते हैं वो कभी समाज का भला नहीं कर सकते हैं. मैं जनता को अपने मालिक के रूप में देखता हूं. लोग मुझे धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढ़ाए. उसका मतलब भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना नहीं है.
उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग वही लोग कर रहे हैं जो सीबीआई पर सवाल उठाते हैं. लोग खुद के नाम पर तो संपत्ति इकट्ठा कर ही रहे हैं और बाल बच्चों के नाम पर भी कर रहे हैं.
वहीं, नीतीश ने कहा कि बिहार में बाढ़ की स्थिति विकराल है. मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि मदद मांगने के एक घंटे के अंदर ही एनडीआरएफ व सेना के जवान को भेज दिया. किशनगंज व अररिया की हालत बहुत खराब है.