पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). डेक्कन क्वीन सिर्फ एक ट्रेन ही नहीं है, बल्कि यह पुणेकरों के परिवार की एक अहम सदस्य है. पिछले 87 वर्ष से पुणे के यात्रियों को सुरक्षित रूप से पुणे से मुंबई और मुंबई से पुणे की यात्रा करानेवाली सबकी लाड़ली महाराष्ट्रा की रानी ‘डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस’ 1 जून को 88वें वर्ष में पदार्पण कर रही हैं.
महिलाओं के लिए पहली बार आरक्षित बोगी इसी ट्रेन में उपलब्ध कराई गई, देश में बिजली से चलनेवाली पहली ट्रेन, साथ ही आईएसओ मानांकन प्राप्त करनेवाली ट्रेन के रूप में डेक्कन क्वीन को पुणेकर काफी सम्मान की नजर से देखते है.
गवर्नर लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में भारत में २२ अप्रैल १८५3 को पहली ट्रेन मुंबई के बोरीबंदर जो कि आज का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस है, से ठाणे के बीच दौड़ी थी. इसके बाद बंगाल में हावड़ा से हुगली के बीच दूसरी ट्रेन चलाई गई थी. इसके बाद कोलकाता से दिल्ली, मुंबई से कोलकाता आदि विभिन्न मार्गों पर अंग्रेजों के जमाने में ट्रेन चलाई गई. इसके बाद तो जैसे रेलवे ने क्रांति की और पूरे देश में पटरियों का जाल बिछने लगा. 1 जून 1930 रोजी ‘डेक्कन क्वीन’ (दक्खन की रानी) विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुरू की गई, जो पुणे से मुंबई और मुंबई से पुणे नित्य यात्रा करते है. जब डेक्कन क्वीन शुरू हुई थी, उस समय यह ट्रेन एशिया की सबसे तेज सुपर फास्ट ट्रेन कहलाती थी. डेक्कन क्वीन से प्रति दिन 2 हजार लोग पुणे से मुंबई के दरम्यान यात्रा करते है.
आरंभिक काल में जब मुंबई में लोकल ट्रने नहीं थी, तब डेक्कन क्वीन पुणे से मुंबई की यात्रा सिर्फ 2 घंटे 45 मिनिट में तय करती थी. लेकिन बाद के काल में मुंबई में लोकल ट्रेन का जाल फैलने के बाद आज इस ट्रेन को थोड़ा ज्यादा समय लगने लगा. आज यह ट्रेन पुणे से मुंबई का सफर 3 घंटे 10 मिनिट में पूरा करती है. वर्तमान में यह गाड़ी पुणे स्टेशन से सुबह 7 बज कर 15 मिनिट पर रवाना होती है और सुबह 10.25 बजे मुंबई पहुंचती है. इसी तरह मुंबई से यह ट्रेन शाम 5 बज कर 10 मिनिट पर निकलती है और रात 8 बज कर 30 मिनिट को पुणे पहुंचती है.
1930 में जब डेक्कन क्वीन शुरू हुई थी, तब पुणे से मुंबई तक का किराया 25 पैसे हुआ करता था. आज यह किराया 115 रुपये है. आरंभिक काल में डेक्कन क्वीन का रंग लाल हुआ करता था, जो कि बाद में बदल कर पीला, इसके बाद सफेद और वर्तमान में डेक्कन क्वीन का रंग नीला कर दिया गया है. इस ट्रेन में कुल 17 बोगियां है, जिसमें से एक बोगी महिलाओं के लिए आरक्षित है. इसके अलावा दो वातानुकूलित, दो पूर्ण व एक बोगी का कुछ भाग पास धारकों के लिए आरक्षित है.
रेलवे के नियमानुसार 120 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए पास जारी नहीं किया जाता, लेकिन डेक्कन क्वीन इसका अपवाद है. यह ट्रेन रोज 192 कि.मी. का सफर तय करती है और इस ट्रेन में पुणे से मुंबई तक का पास यात्रियों को जारी किया जाता है.
– फिल्मी सितारों की भी लाड़ली है डेक्कन क्वीन
डेक्कन क्वीन सिर्फ पुणेकरों की ही लाड़ली नहीं है, बल्कि फिल्मी सितारों की भी लाड़ली है. ऋषि कपूर, शम्मी कपूर, राज कपूर से लेकर पु.ल. देशपांडे, प्रल्हाद अत्रे जैसे सितारों ने भी इस ट्रेन की यात्रा का लुत्फ उठाया है. मुंबई-पुणे बस सेवा शुरू होने से पूर्व पुणे के बड़े-छोटे से नेता इसी ट्रेन से यात्रा किया करते थे.
– पुणे में खाना, मुंबई में पानी
एक समय एक कहावत प्रचलित थी कि पुणे में खाना खाएंगे और मुंबई में पानी पीएंगे. यह कहावत डेक्कन क्वीन के कारण ही प्रचलित हुई थी. वर्तमान में भी अनेक फिल्म कलाकार इस ट्रेन से यात्रा को प्राथमिकता देते है.
रेलवे प्रवासी ग्रुप की अध्यक्ष हर्षा शाह ने कहा कि जब मैं 5 वर्ष की थी, तब से मैं डेक्कन क्वीन से यात्रा कर रही हूं. आज मेरी उम्र 63 वर्ष है. मेरे लिए डेक्कन क्वीन मेरे परिवार की तरह है. पिछले अनेक वर्षों से हम 1 जून को डेक्कन क्वीन का जन्म दिवस मनाते है. आगामी 12 वर्षों में यह गाड़ी अपने 100 वर्ष पूर्ण करेगी. हम आशा करते है, डेक्कन क्वीन इसी तरह से यात्रियों की सेवा करती रहेगी.