नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). मैं वह दिन बिल्कुल भी नहीं भूल सकता, जब सम्राट ने इस दुनिया में कदम रखा था. मेरी पत्नी की गोद में हमारा छोटा सा बेटा अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से हमारी तरफ देख रहा था, मुझे बहुत खुशी हो रही थी, ये कहते-कहते मनोज की आंखें नम हो जाती हैं. सम्राट का जन्म उसके माता-पिता की जिंदगी में किसी परीकथा से कम नहीं है, हालांकि अनहोनी ने उनके दरवाज़े पर दस्तक दे ही दी. कुछ वक्त बाद सम्राट बीमार रहने लगा. उसे लगातार बुखार और सर्दी रहती थी. सम्राट को है दिल की बीमारी, इलाज के लिए नहीं है पैसे हमने उसकी जांच करवाई जिसमें पता चला कि उसे निमोनिया है. 8 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद उसकी सेहत में थोड़ा सुधार आया और इसके बाद हम उसे घर ले आए.
सम्राट के परिवार ने चैन की सांस ली लेकिन बुखार वापिस आ गया और इस बार उनके बेटे का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. वेंट्रिकुलर सेप्टल विकार दोबारा से उसके कई टेस्ट किए गए और तब पता चला कि उसे वेंट्रिकुलर सेप्टल विकार है जिसका मतलब है कि उसे दिल में छेद है.
मुझे याद है वो दिन जब डॉक्टर ये बात हमें बताई थी, उस दिन मेरी पत्नी तो जैसे टूट सी गई थी. अस्पताल के फर्श पर ही गिरकर वो रोने-बिलखने लगी थी. उसे अपने आसपास के लोगों तक का ख्याल नहीं रहा था. सम्राट की तुंरत दिल की सर्जरी करनी पड़ेगी जिसमें 3 लाख रुपए का खर्चा आएगा. इतने सारे पैसे इकट्ठे करना मेरे सामर्थ्य से बाहर है. मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं.
सम्राट के पिता अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं. कभी दिन अच्छा हुआ तो 300 रुपए एक दिन का कमा लेता हूं लेकिन कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जब कोई काम नहीं होता और मुझे खाली हाथ घर लौटना पड़ता है. मेरी पत्नी हाउसवाइफ है और अब सम्राट की बीमारी की वजह से हम पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. अपने बेटे के इलाज के लिए मैं पहले ही 2 लाख रुपए उधार ले चुका हूं और अभी मुझे 3 लाख रुपयों की और जरूरत है. पहले जो पैसे उधार लिए हैं, वही चुकाना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था, और अब ये इतना बड़ा खर्चा फिर से उठाने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता हूं. छोटा सा बेटा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है.
पैसों की कमी की वजह से अब तक सम्राट के परिवार ने उसे अस्पताल तक में भर्ती नहीं करवाया है. अभी वो घर पर दवाओं के सहारे ही जिंदा है. दिन-ब-दिन उसकी हालत कमजोर होती जा रही है. यहां तक कि वो बिस्तर पर सीधा बैठ तक नहीं पाता है. सम्राट के पिता बताते हैं कि उनका छोटा सा बेटा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है. अब उसके परिवार ने जन सहयोग की शुरुआत की है.