5 सालो मे 16 हजार किसानो ने आत्महत्या क्यो कि – शरद पवार
जलगांव (नरेंद्र इंगले ): केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर मे अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के फ़ैसले का हम स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार में अगर हिम्मत हैं, तो पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संविधान मे अंतर्भूत अनुच्छेद 371 को हटाकर दिखाएं. यह चुनौती NCP के प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार को दी है. जामनेर विधानसभा सीट के लिए संयुक्त पुरोगामी महागठबंधन के प्रत्याशी संजय गरुड के प्रचार के लिए आयोजित जनसभा में बोलते हुए पवार ने केंद्र की मोदी और राज्य की फडनवीस सरकार पर जमकर निशाना साधा. पवार ने कहा कि 370 की आड में मोदी सरकार अपनी नाकामी को छिपा नहीं सकती. केंद्र और राज्य सरकार को सत्ता का घमंड हो गया है.
केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते पवार ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र के लिए क्या किया, यह पूछने वालों को यह पता होना चाहिए कि कृषि क्षेत्र में दिए योगदान के बलबूते राष्ट्रपति ने मुझे पद्मविभूषण सम्मान से नवाजा है.
प्रशासनीक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है. शिखर बैंक मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, बावजूद इसके मेरे खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय कि नोटिस जारी किया गया. सरकार मुझे फरार घोषित करे. इससे पहले ही मैंने ED दफ्तर मे जाने का फ़ैसला किया था, लेकिन प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था का अनुरोध प्रस्तुत किया गया जिसका मैंने सम्मान किया. दिल्ली के सामने शीश झुकाना महाराष्ट्र को किसी हाल में मान्य नहीं है. आज प्रधानमंत्री मोदी ने जलगांव की जनसभा में इस इलाके की सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही, लेकिन इस मामले में बीते पांच सालो में कुछ किया क्यों नहीं. मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण महाराष्ट्र समेत समूचे देश में कारखाने बंद होकर लाखों लोग अपनी नौकरी गंवाकर बेरोजगार हो रहे है. बडे पूँजीपतियों द्वारा उठाए गए कर्ज से बढे NPA के चलते बैंको कि स्थिति चरमरा गयी है, जिसे सुधारने के लिए मोदी सरकार ने 70 हजार करोड रुपयों का निवेश किया, लेकिन किसानों की कर्जमाफ़ी के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है. ऐसा तंज पवार ने कसा. राज्य की फडनवीस सरकार को लताडते हुए पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने अगर किसानों को बीते 5 सालो मे 50 हजार करोड रुपयो की मदद की है तो सभी किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी क्यो नहीं हो सकी? राज्य मे बीते पांच सालों में 16 हजार किसानों ने आत्महत्या क्यो की, मुंबई मे छत्रपति शिवाजी महाराज और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के स्मारक अब तक क्यो नहीं बन सके ?
मुख्यमंत्री कहते है कि चुनावी अखाडे मे उनके पहलवान ( प्रत्याशी ) तेल पेलकर उतरे हैं. अगर वाकयी ऐसा है तो राज्य मे प्रधानमंत्री की 10, गृहमंत्री की 20 और खुद CM की 100 जनसभाओ कि उन्हें आवश्यकता क्यो पड रही हैं वह इस लिए कि राज्य का यह चुनाव अब युवाओं ने अपने हाथ में लिया है.
मंत्री गिरीश महाजन पर हमला करते पवार ने कहा कि राज्य मे सत्ता द्वारा दमन के 2 केंद्र हैं, जिसमें से एक यह है कि सत्ता और संपत्ति के अहंकार में चूर ऐसे सौदेबाजों का बंदोबस्त करने की अपील पवार ने मतदाताओ से की. मंच पर अरुण गुजराथी, साहित्यकार ना. धो. महानोर, रविंद्र पाटिल, संदीप पाटिल, रंगनाथ काले समेत जलगांव जिले के सभी विधानसभा सीटों से महागठबंधन के प्रत्याशी उपस्थित रहे.