अकोला(अवेस सिद्दीकी): शहर में इस समय कई जगहों पर अवैध रूप से शराब बेचने का कारोबार जोरो पर चल रहा है। ऑपरेशन क्रैक डाऊन बंद होने के बाद इस धंधे में काफी बढ़ोतरी हो गई है क्योंकि अवैध शराब विक्रेताओ में पुलिस का खौफ नज़र नहीं आरहा है ၊ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर पुलिस के कुछ कर्मचारियों,अधिकारियों की इन अवैध शराब व्यवसायिकों से सांठ-गांठ है जो अपनी जेब भराई के चक्कर मे सरेआम इन्हें कारोबार करने की अनुमति दे देते है।जिला पुलिस अधीक्षक एवं शहर पुलिस अधीक्षक इन अवैध धंदा संचालकों पर अंकुश लगाने का अथक प्रयास कर रहे है तो वही महकमे के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी अवैध धंदा संचालकों को संरक्षण देकर खाकी की प्रतिमा धूमिल करते नजर आ रहे है इसके बदले चुनिंदा लोगों को लक्ष्मी के दर्शन प्रतिमाह हो जाते है ၊
कॅमेरे में कैद दारू का दलाल
पुलिस तथा आबकरी विभाग की अनदेखी के कारन जिले में यह गैर कानूनी व्यवसाय फल-फूल रहे है ၊ इन व्यावसायिकों पर पुलिस द्वारा करवाई की भी जाति है तो केवल खाना पूर्ति एव दिखावे हेतु ताकी वरिष्ठ अधिकारियों की नजर में उनकी भूमिका स्पष्ट रहे ၊इसी प्रकार तेज समाचार संवाददाता को पता चला कि शहर के डाबकी रोड पुलिस थाने की हद में आने वाले पीटीसी(पुलिस ट्रेनिंग सेंटर) के रास्ते पर ही गैर कानूनी रूप से शराब बेची जारही है। वह रस्ता जिस्से पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस महानिरीक्षक का भी आना जाना होता है।
शराब बिक्री की जानाकारी मिलते ही संवाददाता पीटीसी के रास्ते पर स्थित उक्त दुकान में पहुँचे जिसके बाहर पानी की टाकिया, टोकरे आदि किराए पर दिए जाने का बोर्ड लगाया गया है तथा दुकान के अंदर शराब का गोरखधंदा जारी है।,60 रुपये मेंं पूर्ण बोतल तथा 30 रुपय प्रति गिलास से शराब मद्य प्रेमियों को बेची जाती है ၊ अब प्रश्न यह निर्माण होता है कि क्या पुलिस को इस संदर्भ में कोई जनाकारी ही नही? क्यों अपराधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस असफल होरही है?आखिर कैसे पुलिस की नाक के नीचे व आंखों के सामने पीटीसी के रास्ते पर ही शराब का कारोबार बेखौफ रूप से जारी है? या फिर सब कुछ जानकर भी पुलिस करवाई नही करना चाहती,ताकि उनकी जेब भराई होती रहे।यह सभी प्रश्न निर्माण हुए जब सुफ्फा की टीम ने गैरकानूनी ठंग से बेची जा रही शराब का स्टिंग किया।कॅमेरे में कैद हुआ दारू विक्रेता मुस्तैदी से कारोबार चला रहा था। जिसे न किसी का खौफ है और ना ही किसी करवाई का डर दिख रहा था ၊ ।आखिर उसकी मुस्तैदी का राज क्या है? किसके आशीर्वाद से यह बेखौफ रूप से अपना कारोबार चला रहा है क्योंकि जहां इसका कारोबार चलता है उससे कुछ ही फासले पर पुलिस चौकी बनी हुई है।इसी रास्ते से,शालेय विद्यार्थियो का भी गुजर होता है जिन्हें अक्सर शराबी परेशान भी करते देखे गए है। अब देखना यह है कि पुलिस इस पर करवाई करती है या अपनी नज़र-ए-इनायत बनाए रखती है।
क्या कररहा डीबी दल
डाबकी रोड पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गुलज़ार पूरा परिसर में शराब बेचने का चल रहा गोरखधंधा एवं वर्ली , जुआ और क्लब कानूनी व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे है ၊ इन धंधों पर रोकथाम के लिए डाबकी रोड़ पुलिस थाने में डीबी दल तैनात है इसके बावजूद भी चल रहा यह गोरखधंधा डीबी कर्मचारियों की नजरों में क्यों नहीं आता यह सबसे बड़ा सवाल है। परिसर में फूलफल रहे अवैध कारोबार पुलिस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान निर्माण कररहे है। शहर समेत जिले में चलने वाले अवैध धंधो को रोकने में डीबी व एलसीबी दल नाकाम नज़र आरहे है।
गोरखधंधे से थाना इंचार्ज अंजान
डाबकी रोड पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गुलज़ार पूरा परिसर(पीटीसी के रास्ते पर) बिक रही शराब के संदर्भ में अंजान बनते हुए थाना निरीक्षक सुनील सोलंके ने कहा कि अवैध शराब बिक्री संबंधी सूचना मिलते ही करवाई की जाएंगी। आखिर क्यों डाबकी रोड़ पुलिस इन अवैध व्यावसायिको पर महेरबान है,यह एक अहम सवाल है।