पुणे (तेज समाचार डेस्क). महापालिका में कई तरह के कारनामे हमेशा होते रहते हैं. इससे मनपा की हमेशा आलोचना होती रहती है. फिर भी प्रशासन सुधारने का नाम नहीं ले रहे है. हाल ही में अब ऐसा ही पराक्रम शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है. शिक्षा विभाग से रिटायर हुए करीब 19 कर्मियों को मार्च-अप्रैल माह से वेतन अदा किया जा रहा है. इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियो ने जानबूझकर ध्यान नहीं दिया है. ऐसा माना जा रहा है. लेकिन इससे महापालिका का जो नुकसान हुआ है, इसकी भरपाई कैसी होगी, ऐसा सवाल अब उठाया जा रहा है.
– मनपा का शिक्षा विभाग दे रहा पूरा वेतन
इसको लेकर मंगलवार की स्थायी समिति में एनसीपी के नगरसेवक महेंद्र पठारे ने आवाज उठाया. उन्होंने प्रशासन के ध्यान में लाकर दिया कि रिटायर हुए कर्मियों को भी मनपा द्वारा वेतन दिया जा रहा है. पठारे ने सवाल किया कि वेतन अदा करने को लेकर सॉफ्टवेयर बनाए गए है. इसके माध्यम से वेतन दिया जाता है. कोई भी कर्मी रिटायर होने के बाद तत्काल उसका वेतन देना बंद करना चाहिए. सिस्टम में ऐसा प्रावधान है. इतनी सभी यंत्रणा होने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा विगत छह माह से करीब 19 कर्मियों को वेतन दिया जा रहा था. इससे प्रशासन का कामकाज सही तरीके से नहीं चल रहा, ऐसी बात सामने आ रही है. सम्बंधित लोगों की जांच करना जरुरी है.
– एनसीपी नगरसेवक ने उठाई आवाज
स्थायी समिति में पठारे ने इसका खुलासा करने की मांग की. इस पर अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल व शिक्षा विभाग की प्रशासकीय अधिकारी मीनाक्षी राऊत ने खुलासा किया. उन्होंने गलती हुई है, इस बात को स्वीकारा. साथ ही सम्बंधित लोगों से वेतन वापस लिया जाएगा. ऐसा भी कहा. साथ ही इसमें से दो लोगों को नोटिस भी दी गई है. साथ ही कहा कि इस तरह का कामकाज करनेवालों पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया. लेकिन इस तरह के मनपा के कामकाज पर अब सवाल उठाए जा रहे है. मनपा की इसमें आलोचना भी हो रही है. इस वजह से पठारे ने प्रशासकीय अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग इस अवसर पर की.
– आंखे मूंदे का कर रहा प्रशासन
पिछले छह माह से मनपा शिक्षा विभाग द्वारा रिटायर कर्मियों को वेतन अदा किया जा रहा है. इससे प्रशासन किस तरह से आँख मूंदकर काम कर रही है, यह सामने आ रहा है. इस वजह से स्थायी समिति ने यह मुद्दा उठाया. इससे मनपा का नुकसान हुआ है. इस वजह से इस तरह का काम करनेवाले कर्मियों के साथ ही प्रशासकीय अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग हमने की है.