पुणे (तेज समाचार डेस्क). इस साल बारिश में सिंहगढ़ रोड़ परिसर या दत्तवाड़ी इलाके में कम बारिश होने से इन परिसरों में उतना पानी नहीं भरा जितना गुरुवार को 11 बजे मुठा नहर फूटने से भर गया. अचानक फूटी इस नहर ने सिंहगढ़ रोड़ व दत्तवाडी इलाके में कोहराम मचा दिया. सैकड़ों लोगों के घरों में पानी घुस गया. इससे अनेक परिवार ध्वस्त हो गए. हालांकि यहां पर कोई जीवित हानि नहीं हुई, पर लोग पूरी तरह से परेशान हो गए. कहा जा रहा है कि बार-बार खुदाई करने की वजह से नहर फूटने की यह नौबत आयी है. इस घटना के बाद महापालिका प्रशासन, सिंचाई विभाग व अग्निशमन दल ने तत्काल यहां सहायता देने का प्रयास किया. छोटे बच्चे व बुजूर्ग लोगों को अग्निशमन विभाग व पुलिस कर्मियों की सहायता से वहां से निकाल दिया गया. इस बीच महापालिका आम सभा में फैसला लिया गया कि इसे कुदरती आपत्ति घोषित किया जाए व उसके लिए राज्य सरकार से मदद मांगी जाए.
– यातायात भी हुआ अस्त-व्यस्त
सुबह 11 बजे ही यह नहर फूट गयी व पानी बहने लगा. मनपा प्रशासन के अनुसार करीब 1 टीएमसी पानी इसके माध्यम से बरबाद हो गया है. यह पानी पुणेकरों के लिए 1 माह तक पर्याप्त होता है. लोगों के घरों में पानी घुसने की वजह से लोगों को घरों से बाहर आना पड़ा. उनके घरों का काफी नुकसान हुआ है. साथ ही इस पानी की वजह से यातायात भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया था. पानी खत्म होने तक यातायात सुचारू नहीं हो पाया था. शास्त्री रोड़, तिलक रोड़, डेक्कन, स्वारगेट परिसर में लोगों को आवागमन करना मुश्किल हो गया था. दिन भर ऐसा ही मौसम रहा. इस बीच इस घटना की खबर लगते ही महापौर ने इस जगह का जायजा लिया व प्रशासन को तत्काल मदद करने के निर्देश दिए.
– आम सभा में उठी आवाज
इस बीच इसको लेकर गुरुवार की आम सभा में आवाज उठी. सर्वदलीय नगरसेवकों ने इसके लिए सिंचाई विभाग व महापालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. जबकि कई नगरसेवकों ने नहर की मरम्मत करने से संबंधित दोनों प्रशासन के साथ पत्रव्यवहार किया गया था. फिर भी प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इस वजह से यह नौबत आयी. ऐसी आलोचना नगरसेवकों द्वारा की गयी. इस पर अतिरिक्त आयुक्त शीतल उगले ने खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों में पानी घुस गया है, ऐसे लोगों को हमने नजदीकी इलाके के स्कूलों में स्थलांतरित किया. साथ ही खड़कवासला से नहर में छोड़ा जानेवाला पानी भी तत्काल बंद किया गया. महापालिका की ओर से पूरी तरह से इन बाधितों को मदद की जाएगी. साथ ही राज्य सरकार के पास ऐसा प्रस्ताव भेजा जाएगा कि इसे कुदरती आपदा घोषित किया जाए व इन लोगों को ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए. साथ ही मुख्यमंत्री सहायता निधि से भी इन बाधितों को मदद करने के लिए प्रयास किया जाएगा.
– आगामी दो दिन तक जलापूर्ति में बाधा
इस बीच प्रशासन की ओर से गुरुवार को जलशुद्धिकरण केंद्रों में मरम्मत का काम करने का नियोजन किया गया था. इस वजह से शहर में गुरुवार को जलापूर्ति नहीं की जानेवाली थी. इसके अनुसार गुरुवार को जलापूर्ति नहीं हुई. ऐसे में अब नहर फूटने से नहर से पानी छोड़ना भी बंद किया है. इस वजह से अब नहर की मरम्मत होने तक जलापूर्ति में बाधा आएगी. कहा जा रहा है कि इसके लिए और दो दिन जाएंगे. नगर रोड़ तो पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाएगा. क्योंकि नगर रोड़ इलाके को इसी नहर से जलापूर्ति की जाती है. अब यह नहर बंद होने की वजह से इन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.