संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुषमा स्वराज की पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). संयुक्त राष्ट्र महासभा की 73वीं बैठक में सुषमा स्वराज ने मजबूती से भारत का पक्ष रखते हुए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत और स्वस्थ्य भारत का संकल्प लिया है. जिन विकसित देशों ने प्रकृति का विनाश करके अपना विकास किया है, उनको इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. उनको इससे मुंह नहीं मोड़ना चाहिए, उन्होंने कहा कि आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन आज सबसे बड़ी समस्या है.
– पाकिस्तान में आतंकवादियों पर कोई अंकुश नहीं
सुषमा ने अपने सात मिनट के भाषण में कहा कि 9/11 का मास्टरमाइंड तो मारा गया किंतु 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी खुला घूम रहा है, रैलियां कर रहा है, चुनाव लड़वाता है, सरेआम भारत को धमकियां देता है. उन्होंने कहा कि वहां पर सर्दइ जैसे आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं. वे भारत के खिलाफ बयान देते हैं लेकिन वहां की सरकार कुछ नहीं करती.
– आतंकवादियों के बुनियादी ढाचे को खत्म करना होगा
स्वराज ने आतंकवाद निरोध पर संयुक्त कार्रवाई के लिए ब्रिक्स देशों की रणनीति को रेखांकित करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठनों के समर्थन के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना पहला कदम होगा. लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआईएस, अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठन ऐसे संगठित गिरोह हैं, जो सरकारी समर्थन पर फलते-फूलते हैं.
– आतंकी संगठनों को सूचीबद्ध करना होगा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिक्स देशों से आग्रह किया कि वे आतंवादियों और उनके संगठनों को सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधी तंत्र को बेहतर बनाने के लिए हाथ मिलाएं. उन्होंने कहा कि सभी अधिकार-क्षेत्रों में एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) मानकों का क्रियान्वयन आतंकवाद से निबटने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगा.
– झूठी तस्वीरें दिखाता है पाक
सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले साल पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने राइट टू रिप्लाई का उपयोग करते हुए भारत के मानवाधिकार उल्लंघन पर कुछ तस्वीरें दिखाई थी. वे तस्वीरें किसी और देश की थी, इसी तरह के झूठे आरोप वह कई बार लगा चुका है. एक आतंकी से बढ़कर मानवाधिकारों का सबसे बड़ा दमनकारी कौन है, जो लोग किसी भी तरीके से निर्दोष लोगों की जान ले लेते हें वे अमानवीय व्यवहार का पक्ष लेते हैं मानवाधिकारों का नहीं. पाकिस्तान हत्यारों को महिमामंडित करता है, उसे मासूमों का खून नहीं दिखता.
– पाकिस्तान के व्यवहार के कारण बातचीत रूकी
स्वराज ने कहा कि हम पर बातचीत को रोकने का आरोप लगता है. यह सफेद झूठ है, हम मानते हैं कि सबसे मुश्किल मामलों को सुलझाने में भी बातचीत की अहम भूमिका होती है. पाकिस्तान के साथ कई मौकों पर बातचीत शुरू हुई है. यदि वह रूकी है तो यह केवल उनके व्यवहार के कारण. हमारे मामलेमें आतंक कहीं दूर से नहीं बल्कि सीमापार से है. हमारा पड़ोसी आतंक फैलाने के साथ ही उसे छुपा भी लेता है.
– आतंकवाद की मदद करनेवाला तंत्र खत्म होना चाहिए
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रगति और आर्थिक विकास लक्ष्यों को हासिल करने तथा हमारे लोगों की समृद्धि के लिए क्षेत्रीय सहयोग हेतु शांति और सुरक्षा का वातावरण बहुत जरूरी है. दक्षिण एशिया के लिए खतरा पैदा करने वाली घटनाओं की संख्या बढ़ी है. क्षेत्र तथा विश्व की शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद को उसके सभी रूपों में और उसकी मदद करने वाले तंत्रों को खत्म करना जरूरी है.
– यूएन को एक परिवार की तरह चलना होगा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सुधार पर सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह मानना होगा कि उसमें बदलाव जरूरी है. सुधार कॉस्मेटिक नहीं हो सकते, हम संस्थान का सर और दिल बदलना की मांग करते हैं ताकि दोनों आधुनिक वास्तविकता के हिसाब से हो. सुधार आज से ही होने चाहिए क्योंकि कल काफी देर हो जाएगी.
– लंबी चर्चा का कोई मतलब नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर चर्चा अनंत काल की कवायद नहीं हो सकती. सुरक्षा परिषद की वैधता और साख लगातार कम हो रहा है. ब्रिक्स में अतंरराष्ट्रीय शासन के अहम क्षेत्र में आपस में विभाजित होने की जगह हमें ज्यादा मजबूत आवाज में अपनी बात रखनी चाहिए.
– आतंकवाद को परिभाषित नहीं कर पा रहे
सुषमा ने कहा कि 1996 में भारत ने सीसीआईटी पर एक ड्राफ्ट पेश किया था. आज तक वह ड्राफ्ट उसी रूप में मौजूद है क्योंकि हम सब साथ नहीं आ पाए हैं, एक तरफ हम आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं तो दूसरी तरफ हम इसे परिभाषित ही नहीं कर पा रहे हैं. सुषमा स्वराज ने अपने भाषण के आखिर में कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् की बुनियाद है परिवार और परिवार प्यार से चलता है, व्यापार से नहीं, परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं, परिवार संवेदना से चलता है, ईर्ष्या से नहीं, परिवार सुलह से चलता है, कलह से नहीं, इसीलिए हमें यूएन को परिवार के सिद्धांत पर चलाना होगा.
– आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा
पड़ोसी देश पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षेस के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद अब भी सबसे बड़ा खतरा है और उसका पोषण करने वाले तंत्र को खत्म करना जरूरी है.