मुंबई(तेज़ समाचार प्रतिनिधि): मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम और मुस्तफा डोसा को दोषी करार दिया है। इससे पहले अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध किए। आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 में मुंबई में 12 सिलसिले बार बम धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की जाने चली गई थी और 700 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
24 साल पहले ब्लास्ट
12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 धमाके हुए थे. इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी और इनमें 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके साथ ही करीब 27 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. साल 2007 में टाडा कोर्ट ने 100 लोगों को सजा सुनाई थी. इसी मामले में याकुब मेमन को साल 2015 में फांसी हुई थी.
ब्लास्ट से जुड़े एक अन्य मामले में संजय दत्त अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए थे और उन्हें टाडा कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी. पिछले साल फरवरी में ही दत्त अपनी सजा पूरी कर जेल से लौटे हैं.
वहीं ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम साल 1995 से फरार है.
इस मामले में टाडा कोर्ट ने पहले ही 100 आरोपियों दोषी करार दे चुकी है, जिसमें फिल्म अभिनेता संजय दत्त भी शामिल है। ट्रायल के दौरान मुंबई पुलिस और भारत सरकार ने अंडरव्लर्ड डॉन अबु सलेम को पुर्तगाल से और अंडरव्लर्ड डॉन मुस्तफा डोसा को दुबई के प्रत्यपर्ण करा कर भारत लाई थी।अबु सलेम के उपर आरोप है की उसने ही हथियारों का जकिरा संभाला था और उसी में से हथियार फिल्म अभिनेता संजय दत्त को दिए थे। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर मुंबई धमाकों के लिए एक्सप्लोसिव को मुंबई के ठिकानों पर पहुंचाने का आरोप है। साथ ही उस पर अभिनेता संजय दत्त के घर जाकर एके-47 राइफल और हथगोले देने का भी आरोप है।
वहीं मुस्तफा दौसा पर आरोप है कि उसने धमाके के लिए मुंबई के समुद्र के किनारे आरडीएक्स और दूसरे एक्सप्लोसिव्स उतरवाए थे।
मुंबई धमाकों की लगातार चली सुनवाई के बाद सबसे अहम फैसला साल 2006 में आया था। टाडा कोर्ट ने 123 अभियुक्तों में सौ लोगों को सजा सुनाई थी, जबकि 23 लोगों को बरी कर दिया था। धमाकों के वांटेड टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इसी फैसले में सजा सुनाई गई थी। याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के यरवडा जेल में फांसी दी गई थी। लेकिन सात दूसरे अभियुक्तों पर फैसला नहीं हो सका था क्योंकि इनको साल 2002 के बाद विदेश से प्रत्यर्पित कराना पड़ा था। इन सातों अभियुक्तों पर अलग से सुनवाई शुरु की गई थी।
अदालत का मानना था कि इन सातों की सुनवाई भी एक साथ करने से फैसला आने में देर हो सकता है। तभी टाडा कोर्ट ने मुंबई ब्लास्ट केस को दो हिस्सों में बांटा था।
साल 1993 में मुंबई में कुल 12 जगहों पर धमाके हुए थे। धमाकों की वजह से 257 लोगों की जानें गई थी। धमाकों की साजिश सीमा पार से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दौसा और दूसरे साथियों ने की थी।
1993 में मुंबई पुलिस ने अदालत में दस हजार पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें 189 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमें मुख्य अभियुक्त दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन हैं। कुल 27 अभियुक्त अभी तक फरार हैं।