हिसार. भारत के लोग दिल से सोचते है, दिमाग से नहीं. भारतीय भावनाओं को ज्यादा महत्व देते हैं. हम भारतीयों की इसी भावनाओं को कुछ लोगों ने अपना धंधा बना लिया और ये लोग कथित रूप से संत बन बैठे. संत बन कर इन लोगों ने ऐसे ऐसे काम किए कि मानवा शर्मसार हो जाए, और लोगों का धर्म से विश्वास ही उठ जाए. कुछ साल पहले दुष्कर्मी आसाराम पकड़ा गया, तो देशद्रोह जैसे संगीन आरोपों में कथित संत रामपाल को जेल भेज दिया गया. हाल ही में बाबा रामरहीम को जेल भेजा गया है.
इन्हीं में से एक सतलोक आश्रम के मुखिया और कथित संत रामपाल को हिसार कोर्ट ने उस पर चल रहे दो मामलों से बरी कर दिया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन दो केस में बरी होने के बाद भी रामपाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. क्योंकि, उन पर देशद्रोह समेत कुछ और केस भी हैं. इनकी सुनवाई जारी है. लिहाजा, वो जेल में ही रहेंगे. बरवाला के सतलोक आश्रम से जुड़े इन मामलों में सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के आरोप हैं.
मंगलवार को हिसार कोर्ट में रामपाल से जुड़े दो केस नंबर 426 और 427 मामले में सुनवाई हुई. इन दोनों केस में रामपाल को कोर्ट ने बरी कर दिया. लेकिन, रामपाल पर देशद्रोह जैसा बड़ा और संगीन केस चल रहा है. लिहाजा, वो जेल में ही रहेगा. इस मुकदमे में 28 अगस्त को जेल में लगी अदालत में वह पेश हुआ था.
2006 में रामपाल ने एक धार्मिक किताब पर टिप्पणी की थी. इसके बाद रामपाल समर्थकों और उस वर्ग के समर्थकों में हिंसक झड़पें हुई. एक महिला की मौत हो गई थी. बाद में रामपाल को गिरफ्तार किया गया. वो करीब 22 महीने जेल में रहा. यह मामल रामपाल पर चल रहा है. 2014 में कोर्ट ने कई समन भेजे पर रामपाल पेश नहीं हुआ. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए. जब रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हुए तो पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने कई दिन की मशक्कत के बाद उसे अरेस्ट किया. इस दौरान रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ. गिरफ्तारी के बाद रामपाल पर सरकारी काम में दिक्कत पैदा करने, लोगों को बंधक बनाने और देशद्रोह का केस दर्ज किया. रामपाल के आश्रम से कई आपत्तिजनक चीजें भी बरामद की गई थीं.
दरअसल, रामपाल को कोर्ट ने कई बार 2006 के मर्डर केस में पेश होने के लिए समन भेजे. रामपाल ने इनका जवाब भी नहीं दिया और कोर्ट के सामने पेश भी नहीं हुए. इसके बाद, हिसार कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए. रामपाल के आश्रम में कई हजार समर्थक थे. ये आश्रम की छत पर जमा हो गए. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची. फोर्स पर पथराव हुआ. सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की. 19 नवंबर को रामपाल को गिरफ्तार किया जा सका. आश्रम की तलाशी में कई हथियार बरामद किए गए. समर्थकों की पत्थरबाजी में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के कई जवान घायल हो गए थे.
– सिंचाई विभाग में इंजीनियर था रामपाल
सोनीपत के धनाणा गांव में 1951 को जन्मा रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर काम करता था. इसके बाद नौकरी छोड़कर रामपाल ने रोहतक के करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनाया. यहां विवाद हुआ तो रामपाल ने हिसार के बरवाला में अपना आश्रम बना लिया. इसके बाद रोहतक अदालत में चल रहे करौंथा कांड मामले में रामपाल पेश नहीं हो रहा था. मामले को हाईकोर्ट भेज दिया गया. हाईकोर्ट में रामपाल पेश नहीं हुआ. लगातार गैर हाजिर होने पर हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे. 16 नवंबर 2014 को पुलिस और प्रशासन को पेश होने का भरोसा दिलाया, मगर फिर पेश होने से इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने 17 नंवबर 2014 को आश्रम को घेरकर कार्रवाई की थी. इस समय रामपाल के समर्थक आश्रम के अंदर थे. पुलिस बल के बावजूद रामपाल को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि प्रशासन को डर था कि कहीं पिछले साल जैसी हिंसा फिर न भड़क उठे. तब रामपाल के अनुयायियों और आर्य समाजियों के बीच हिंसा में पुलिस जवानों समेत 120 लोग घायल हुए थे, जबकि एक शख्स की मौत हो गई थी. इस मामले में उन पर देशद्रोह का मामला चल रहा है.