• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

2018 में और बढ़ सकती है महंगाई लेकिन इकोनॉमी में होगा सुधार

Tez Samachar by Tez Samachar
January 1, 2018
in Featured, देश
0
2018 में और बढ़ सकती है महंगाई लेकिन इकोनॉमी में होगा सुधार

नई दिल्ली. नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पैदा हुई अड़चनें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल 2018 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर रफ्तार पकड़ सकती है. हालांकि, कच्चे तेल के दाम और बढ़ती मुद्रास्फीति इस मोर्चे पर झटका भी दे सकते हैं.
कुछ लोगों का मानना है कि 2017 को भूल जाना ही बेहतर है क्योंकि इस साल नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही. एक अनुमान के हिसाब से जीडीपी में दो प्रतिशत का नुकसान हुआ है. यह 2016-17 के 152.51 लाख करोड़ रुपये के जीडीपी के हिसाब से 3.05 लाख करोड़ रुपये बैठता है. हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि बुरा समय अब बीत चुका है और सुधार के संकेत मिलने लगे हैं.
वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में नौ प्रतिशत से नीचे आने बाद से लगातार पांच तिमाहियों तक जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट आई और यह 2017-18 की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई. हालांकि जुलाई-सितंबर की तिमाही में यह बढ़कर 6.3 प्रतिशत रही.
जीडीपी की वृद्धि दर के अलावा निर्यात के मोर्चे पर उत्साहजनक नतीजे दिख रहे हैं. निर्यात वृद्धि सकारात्मक रही है, जबकि आयात वृद्धि घटी है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को बड़े मूल्य के नोट बंद करने के फैसले के बाद एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू कर दिया है. इसके अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता जैसे और सुधार भी किए हैं. साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने की घोषणा की है जिससे उनके बही खाते को सुधारा जा सके और कृषि क्षेत्र की आमदनी बढ़ाने पर काम किया जा सके.
बीते साल नवंबर में मूडीज ने भारत की सावरेन रेटिंग को सुधार कर स्थिर परिदृश्य के साथ बीएए2 किया है. वहीं विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति 30 पायदान सुधरी है.
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने अपनी आर्थिक परिदृश्य 2018 रिपोर्ट में कहा है कि जीडीपी के लिए बुरा समय बीत चुका है. हमारा अनुमान है कि अगली चार से छह तिमाहियों में वृद्धि दर सामान्य हो जाएगी.
नोमूरा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में जनवरी-मार्च तिमाही में जोरदार सुधार की उम्मीद है. 2018 में जीडीपी की वृद्धि दर करीब 7.5 प्रतिशत रहेगी.
हालांकि, बहुत से विश्लेषकों का मानना है कि भारत की वृद्धि दर को फिर से 7.5 प्रतिशत पर पहुंचने में कुछ साल लगेंगे. मार्च, 2016 में समाप्त साल में वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही थी. इसकी वजह यह है कि निजी निवेश में सुधार में समय लगेगा. कच्चे तेल की कीमतों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
पिछले तीन माह में कच्चे तेल के दाम 28 प्रतिशत बढ़कर 52.3 डॉलर प्रति बैरल से 67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. मुद्रास्फीति के भी तय दायरे से ऊपर रहने की संभावना है. कच्चे तेल के ऊंचे दाम भी मुद्रास्फीति को बढ़ाएंगे.

Tags: 2018 में और बढ़ सकती है महंगाई लेकिन इकोनॉमी में होगा सुधार
Previous Post

नए साल पर किमजोंग की अमेरिका को पुरानी धमकी

Next Post

आज महानगर मे डॉक्टर एव वैद्यकीय विद्यार्थीयो का ब्लॅक डे  सुबह ६ से शाम .६ तक रहेंगे दवाखाने बंद 

Next Post
आज महानगर मे डॉक्टर एव वैद्यकीय विद्यार्थीयो का ब्लॅक डे   सुबह ६ से शाम .६ तक रहेंगे दवाखाने बंद 

आज महानगर मे डॉक्टर एव वैद्यकीय विद्यार्थीयो का ब्लॅक डे  सुबह ६ से शाम .६ तक रहेंगे दवाखाने बंद 

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.