बुलंदशहर (तेज समाचार डेस्क). सोमवार को गाय की हत्या के शक में हिंसा भड़काने और इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि हत्या का मुख्य आरोपी बजरंग दल नेता योगेश राज अभी भी फरार है. विशेष बात यह है कि योगेश ने ही सोमवार को गोकशी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस अब उसकी तलाश में है.
– पुलिसवालों पर हिंसक भीड़ ने किया था हमला
चिंगरावठी इलाके में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान जब पुलिस दंगाइयों को रोकने पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की गोली लगने से मौत हो गई थी. गोली लगने के बाद भी भीड़ इंस्पेक्टर को पीटती रही. हिंसा में एक युवक भी मारा गया.
– घटना की दो एफआईआर दर्ज, 27 लोग नामजद
पुलिस ने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. पहली एफआईआर स्लॉटर हाउस पर और दूसरी हिंसा को लेकर दर्ज हुई है. एफआईआर में 27 नामजद और 60 अज्ञात आरोपी हैं. इनमें बजरंग दल का नेता योगेश राज, भाजपा युवा अध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव भी नामजद है.
– पंचतत्व में विलीन हुए सुबोध सिंह
इंस्पेक्टर सुबोध का पार्थिक शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव तिरिगवां लाया गया. यहां बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन में जुटे. इससे पहले पार्थिव शरीर एटा पुलिस लाइन लाया गया था. यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई. एडीजी अजय आनंद, डीआईजी प्रीतिंदर सिंह, डीएम आईपी पांडेय, एसएसपी आशीष तिवारी ने श्रद्धांजलि दी.
– मुख्यमंत्री ने किया आर्थिक मदद का ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया. उन्होंने आश्रित परिवार को पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया.
– हिंसा की वजहों को तलाशा जाएगा
एडीजी (मेरठ जोन) प्रशांत कुमार ने कहा- गोकशी मामले में सात लोगों सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है. 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. जांच के एंगल में यह भी देखा जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिसकर्मियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़ दिया.