पुणे (तेज समाचार डेस्क). सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों के खिलाफ अंग्रेजी में चार्जशीट मांगी है. आरोपी सुरेंद्र गाडलिंग, सोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धावले और रोना विल्सन के खिलाफ दायर चार्जशीट मराठी में है. सरकार को 8 दिसंबर तक इसका अंग्रेजी अनुवाद सौंपना होगा. सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पांचों आरोपियों के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं?
– 11 दिसंबर को अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी. महाराष्ट्र सरकार की ओर से सोमवार को सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने आरोपियों की जमानत की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इन पर गंभीर आरोप हैं. तकनीकी आधार पर इन्हें जमानत नहीं देनी चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि इन पर कैसे आरोप हैं?
– महाराष्ट्र सरकार ने मराठी में दी चार्जशीट
मराठी में चार्जशीट का जिक्र करने पर कोर्ट ने इसका अंग्रेजी अनुवाद जमा करवाने के निर्देश दिए. दूसरी तरफ, आरोपियों की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पुलिस गाडलिंग को रिहा नहीं करना चाहती. इसलिए साजिश के तहत उस पर एक और केस दर्ज कर लिया गया है.
– 90 दिन की मिली थी मोहलत
निचली अदालत ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुणे पुलिस को 90 दिन की अतिरिक्त मोहलत दी थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह फैसला रद्द कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है.