देहरादून (तेज समाचार डेस्क). भारतीय सेना लगातार मजबूत होती जा रही है. देश के नौजवानों का भारतीय सेना में शामिल होने का उत्साह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. देश के लिए कुछ करने, मरने-मिटने के लिए भारतीय युवा पूरे जुनून के साथ भारतीय सेना में शामिल होने के लिए ललाइत दिखाई दे रहे हैं. उत्तराखंड के देहरादून में हुई पासिंग आउट सेरिमनी के बाद भारतीय सेना को 347 अधिकारी मिले है. 10 मित्र देशों के 80 कैडेट्स भी अपनी-अपनी सेना में शामिल हुए. पासिंग आउट परेड के दौरान उन सभी पर फूलों की बारिश हुई.
देहरादून में स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के गीत ‘भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम’ की धुन पर कदमताल करते 347 युवा अधिकारी सेना में शामिल हुए.
भारतीय उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज एन्बु ने शनिवार को परेड की सलामी ली. उन्होंने नये सेना अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. उन्होंने बहादुर अधिकारियों को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में युद्ध तकनीक का तेजी से विकास हुआ है, परन्तु उपकरण के पीछे रहने वाले व्यक्ति का महत्व फिर भी बना रहेगा. उन्होंने 1971 युद्ध की बात करते कहा कि यह भारतीय सेना के युद्ध कौशल और रणनीति का एक बेहतरीन उदाहरण है. देश के सैन्य इतिहास में दर्ज ऐसे कई स्वर्णिम अध्याय भावी अफसरों को प्रेरणा देते रहेंगे. देश की सुरक्षा और सम्मान अब आपके कंधों पर है. उप सेना प्रमुख ने एक अधिकारी और जवानों के बीच रिश्ते के बारे में भी बताया.
इससे पहले सुबह आठ बजकर 55 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड शुरू हुई. कंपनी सार्जेट मेजर अरविंद, मनीष कुमार, हितेष चंदा, संजय पंत, ठाकुर हर्षवर्धन, अहंतम, राहुल सिंह व बृजेश पाल सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली.
एडवास कॉल के साथ ही देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते कैडेट गुरवीर सिंह तलवार के नेतृत्व में परेड के लिए पहुंचे. परेड कमांडर अर्जुन ठाकुर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली. कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. जब युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तब आसमान से हेलीकाप्टरों से उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी. रॉयल बुलेटिन की नई एप प्ले स्टोर पर आ गयी है.
इस दौरान कमाडेंट ले जनरल एसके झा, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जेएस नेहरा सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे.