नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). शनिवार की देर रात इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से आयी सुनामी में करीब 222 लोगों की मौत हो गई, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए. सुनामी से हुई इन मौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया और कहा कि भारत राहत कार्य में अपने पड़ोसी राष्ट्र की मदद करने को कटिबद्ध है. ज्वालामुखी के सक्रिय होने के बाद इंडोनेशिया के सुंदा जलडमरु मध्य के आसपास के समुद्र तट पर आई सुनामी में कम से कम 222 लोगों की जान चली गई जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गए.
– मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया कि, ‘इंडोनेशिया में सुनामी से जान के नुकसान और तबाही से दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं. भारत अपने नौवहन पड़ोसी और मित्र की राहत कार्य में सहायता करने के लिये तैयार है.’
– 222 लोगों की मौत
इंडोनेशिया के सुंदा जलसंधि में शनिवार रात ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 222 हो गई है जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो नुग्रोहो ने बताया कि आपदा में 222 लोगों की मौत हो गयी, 700 या 800 से ज्यादा लोग घायल हो गए और 28 लोग लापता है.
– सैकड़ों मकान नष्ट हो गए
एजेंसी ने बताया कि अनाक क्राकाटोआ या ‘क्राकाटोआ का बच्चा’ ज्वालामुखी के फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को लांघती हुई आगे बढ़ीं. इससे सैकड़ों मकान नष्ट हो गए. लोगों को बचाने के लिए खोज और बचाव अभियान तेज कर दिया गया है. इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे मची तीव्र हलचल सुनामी का कारण हो सकता है. उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया.