नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). करीब 4 साल पहले मिलान में हुई अंतरराष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अंतर सरकारी समूह की बैठक में भारत ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव पर भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है. अभी तक हर साल 15 दिसंबर को चाय उत्पादन करने वाले देशों में अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. इससे पहले भारत की पहल पर ही 21 जून का दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए तय किया गया था.
– उत्पादन और खपत को मिलेगा प्रोत्साहन
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनी अधिसूचना में कहा, कि हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चाय के योगदान को लेकर लोगों को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि 2030 के सतत विकास से जुड़े लक्ष्यों को पूरा किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र को विश्वास है 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित करने से इसके उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भूख और गरीबी से लड़ने में मददगार साबित होगी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय के औषधीय गुणों के साथ सांस्कृतिक महत्व को भी मान्यता दी है.
– सभी सदस्य देशों से भागीदारी की अपील
संयुक्त राष्ट्र ने सभी सदस्य देशों, अंतरराष्ट्र्रीय और क्षेत्रीय संगठनों से अपील की है कि वह हर साल 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाएं. इसमें ऐसे कार्यक्रम कराए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में चाय की अहमियत समझाई जा सके.
– वर्तमान में 15 दिसंबर को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
अभी हर साल 15 दिसंबर को चाय उत्पादन करने वाले देशों में अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है. इसमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, तंजानिया के अलावा कई और देश शामिल हैं. हालांकि इसकी शुरुआत एक एनजीओ ने की थी. मई का महीना इसलिए चुना गया, क्योंकि चाय उत्पादन के लिए यह महीना सबसे बेहतर माना जाता है.