– फाइटर प्लेन और तोपों की गोलाबारी देख दंग रह गए लोग
– विदेशी सैनिक विद्यार्थी हुए आश्चर्यचकित
आशीष शुक्ला
अहमदनगर. हवा की रफ़्तार को भी मात देते वायु सेना के फाइटर प्लेन, प्लेन से चीते से भी तेज चाल भरते हुए सेना के रणबाकुरे, हवा में धूल और धुंआ को एक करते युद्ध के मैदान में दौड़ते हुए दुनिया की सबसे खतरनाक तोप और उन तोपों की गोलाबारी से दिल को दहला देने वाली आवाज़’ यह दृश्य किसी के युद्ध के मैदान का नहीं बल्कि अहमदनगर के के.के. रेंज का रहा.
सोमवार को अहमदनगर के समीप केके रेंज में कवचित कोर केन्द्र एवं स्कूल तथा मैकेनाइज्ड इफेंट्री रेजिमेंटल सेंटर के द्वारा गोलाबारी प्रदर्शन एवं संचलन अभ्यास के साथ साजो-सामान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. फायर पावर तथा संचलन अभ्यास के दौरान मैकेनाइज्ड सेना की क्षमता, दक्षता व सामरिक तैयारियों को दर्शाया गया. टैंकों और इंफैंट्री कॉम्बेट व्हीकल के कर्णभेदी धमाकों के साथ अपनी घातक और सटीक मारक क्षमता ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया.
के.के. रेंज को युद्ध स्थल में बदल देने वाले इस दृश्य को देख कर लोगों ने दांतो तले उंगली दबा ली. इस मौके स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत विभिन्न कोर्सों के लिए विदेशों से आये मित्र देशों के स्टूडेंट सैनिक भारतीय सेना का यह शौर्य देख दंग रह गए. इस कार्यक्रम को देखने के लिए अमेरिका, कैनेडा, कोरिया, नेपाल सहित कई देशों के सैनिक विद्यार्थी मौजूद थे.
सोमवार को अहमदनगर के समीप केके रेंज में कवचित कोर केन्द्र एवं स्कूल तथा मैकेनाइज्ड इफेंट्री रेजिमेंटल सेंटर के द्वारा गोलाबारी प्रदर्शन एवं संचलन अभ्यास के साथ साजो-सामान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. फायर पावर तथा संचलन अभ्यास के दौरान मैकेनाइज्ड सेना की क्षमता, दक्षता व सामरिक तैयारियों को दर्शाया गया. टैंकों और इंफैंट्री कॉम्बेट व्हीकल के कर्णभेदी धमाकों के साथ अपनी घातक और सटीक मारक क्षमता ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया.

ज्ञात हो कि, मैकेनाइज्ड सेना के शीर्ष संस्थान, कवचित कोर केन्द्र एवं स्कूल तथा मैकेनाइज्ड इंफैंट्री सेंटर मेजर जनरल नीरज कपूर और ब्रिगेडियर वी.वी. सुब्रमण्यम की अगुवाई में कार्यरत है. यह संस्थान अपने देश की सेना के प्रशिक्षण के अलावा विदेशी मित्र सेनाओं को मैकेनाइज्ड युद्ध प्रणाली तथा कवचित युद्ध वाहनों पर तकनीकी प्रशिक्षण दे रहे हैं.
सोमवार को हुए इस भव्य कार्यक्रम मे सेना के युद्ध तोपों में से अधिकांश अत्याधुनिक हथियारों ने सुस्पष्टता और परस्पर समन्वय के साथ फायरिंग कर अपने शक्ति के परिचय दिया, इसके सबसे घातक और किलिंग मशीन के नाम से जाना जाने वाला टी-90 भीष्मा टैंक आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा. लगभग दो घंटे तक चले इस मैकेनाइज्ड सेना की गोलाबारी तथा संचलन अभ्यास के प्रथम भाग में इंफैंट्री कॉम्बेट व्हीकल तथा हमलावर हैलीकॉप्टर के तकनीकी और मारक क्षमता के एकीकृत सामर्थ्य को दिखाया गया. दूसरे भाग में स्थिर तथा गतिशील मोड़ में एक साथ फायरिंग की गई. भीष्मा, अजय व अर्जुन की दनादन फायरिंग और फाइटर प्लेन चेतक से युद्धाभ्यास में दुश्मन की कृत्रिम स्थिति पर हमले का प्रदर्शन भी किया गया.
टैंकों और इंफैंट्री कॉम्बेट व्हीकल के संचलन दल ने सराहनीय संचलन करके बारंबार सही सटीकता व सराहनीय क्षमता का प्रदर्शन किया. हंटर किलर नाम से मशहूर अजय व अर्जुन ने 5 हजार मीटर दूर लक्ष्यों का पल भर में खात्मा करते हुए अपने नाम को चरितार्थ किया.
