पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना संकट की घड़ी में पुणे में फंसा हर श्रमिक मजदूर अपने गांव जाना चाहता है. पुणे जिला प्रशासन के लाख जतन के बाद भी कोई रुकने को तैयार नहीं है. इसके चलते जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने सात दिनों में 23 ट्रेनें उत्तर भारत की ओर चलाने का निर्णय लिया है. ताकि पुणे के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे मजदूर अपने गांव अपनों के बीच पहुंच सके.
इसी बीच यह भी खबर आयी कि ग्रामीण परिसर में उद्योग धन्धे शुरू होने से 380 मजदूर अपना रेलवे टिकट कन्फर्म होने के बावजूद ट्रेन में नहीं बैठे. उनका कहना है कि काम मिलना शुरू हो गया. ज्यादा वेतन भी मिल रहा है, इसलिए वे अब घर वापसी नहीं करेंगे. जिलाधिकारी ने 23 ट्रेनों के बारे में बताया कि हर दिन 2-3 ट्रेनें रवाना की जाएगी. एक सप्ताह में 23 ट्रेनें पुणे स्टेशन से यूपी, बिहार, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के लिए चलना शुरु हो जाएगी.
इसके साथ ही राज्य में एक जिले से दूसरे जिलों में जाने के लिए एसटी और प्राईवेट बसों की सुविधा प्रदान की जा रही है. पुणे जिले भर में कुल तालाबंदी के चलते एक लाख 8 हजार कामगार फंसे है. जिसमें से युपी के 25 हजार 816, बिहार के 13 हजार, मध्यप्रदेश के 10 हजार 602, झारखंड व अन्य राज्यों के 5 हजार 168 मजदूर फंसे है. अब तक 12 हजार मजदुर, कामगार अपने मूलगांव जा चुके है जिसमें मध्य प्रदेश के लिए 4 यूपी और उतराखंड के लिए एक रेलवे गाडियों को पुणे से रवाना किया गया.