पुणे (तेज समाचार डेस्क). देश की प्रतिष्ठित सीट मानी जानेवाली पुणे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इसपार जिले के पालकमंत्री व विधायक गिरिश बापट पर भरोसा जताया है. मौजूदा सांसद अनिल शिरोले का टिकट काटकर बापट पर भाजपा ने दांव खेला है. काफी दिनों से यहां के भाजपा प्रत्याशी केा लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. अनिल शिरोले से लेकर गिरिश बापट, शहराध्यक्ष योगेश गोगावले, मुरलीधर मोहोल, जगदीश मुलिक इस रेस में थे. लेकिन आखिरकार पार्टी ने गिरिश बापट पर पार्टी ने भरोसा दिखाया. टिकट कटने के बावजूद शिरोले ने नाराजगी ना दिखाते हुए बापट के प्रचार में हिस्सा लिया. राज्यसभा सांसद संजय काकडे भी उकने प्रचार में जुट गए हैं. बापट के लोस का टिकट मिलने से अब कसबा विधानसभा सीट से इच्छुक लोग अपनी-अपनी फिल्डिंग लगाने लगे हैं.
– 2014 में भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे बापट
मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए पुणे शहर से भाजपा की ओर से कौन उम्मीदवार होगा, इसको लेकर शहर में चर्चा का माहौल गर्म था. अनिल शिरोले का टिकट लगभग तय माना जा रहा था. क्योंकि उनका काम व उनकी छवि से पार्टी के वरिष्ठ खुश थे. उनके साथ ही युवा नेता के तौर पर मुरलीधर मोहोल, जगदीश मुलिक आदी नेता भी टिकट की कतार में थे. वरिष्ठ होने के नाते शहराध्यक्ष योगेश गोगावले भी इस रेस में थे. लेकिन पार्टी ने ऐन समय पर गिरिश बापट का नाम तय किया. 2014 के चुनाव से ही बापट इस सीट के लिए इच्छुक थे. लेकिन मुंडे गुट का होने के कारण अनिल शिरोले पर गोपीनाथ मुंडे ने दांव खेला. जो पार्टी के लिए सही साबित हुआ. शिरोले भारी बहुमत से जीत कर आए. जबकि बापट को गडकरी गुट का होने के कारण टिकट नहीं मिल पाया था. इस बार नितिन गडकरी ने उनके नाम को पार्टी वरिष्ठों को सुझाया था. इस वजह से अब बापट ही भाजपा की ओर से मैदान में उतर गए हैं.
– बापट से मिलने कार्यालय पहुंच अनिल शिरोले
गिरिश बापट को टिकट मिलने के बाद उन्होंने दिन भर शहर में स्थित महापुरूषों की प्रतिमाओं पर पुष्पहार अर्पण कर अपने प्रचार का शुभारंभ किया. उससे पहले उन्होंने पार्टी दफ्तर में जाकर पदाधिकारी व नगरसेवकों के साथ प्रचार को लेकर बैठक की. कहा जा रहा था कि बापट को टिकट मिलने की वजह से शिरोले नाराज चल रहे हैं. लेकिन इससे बापट ने इनकार कर दिया. उसी समय शिरोले पार्टी दफ्तर पहुंचे व बापट से हाथ मिला कर इसपर विराम लगा दिया. उन्होंने बापट का प्रचार करने का ऐलान भी किया. तो उधर अब बापट को लोस का टिकट मिलने की वजह से कसबा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में अब नए उम्मीदवार को संधि मिलेगी. उसके लिए अभी से नेता फिल्डिंग लगा रहे हैं. कहा जा रहा है कि महापौर मुक्ता तिलक को यहां से टिकट मिल जाएगा. उनके साथ ही हेमंत रासणे, दिलीप कालोखे, अशोक येनपुरे, कतार में लगे हुए हैं.
– पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया, न कि किसी का पत्ता कटा
लोस चुनाव लड़ने के लिए पाटी की ओर से कई नेता इच्छुक थे. लेकिन पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया. इसमें किसी का पत्ता काट देने की कोई बात नहीं है. हमें कार्यकर्ता व पुणेकरों का पूरा समर्थन हासिल है. इस वजह से मुझे पूरा भरोसा है कि हम चुनकर आएंगे. पुणे के लिए अब तक हमने कई काम किए हैं. कई साल से कागज पर लंबित पड़े काम को अमलीजामा पहनाया. इस वजह से जनता मेरा पूरा समर्थन करेगी.
– गिरिश बापट, प्रत्याशी
– पार्टी का काम करता रहुंगा
भाजपा ने आज तक मुझ पर जो भी जिम्मेदारी सौंपी, उसे सही तरीके से निभाने का मैंने पूरा प्रयास किया. आगामी काल में भी मैं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी का काम करूंगा. साथ ही पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते पुणे में लोस चुनाव के लिए प्रचार करूंगा.
– अनिल शिरोले, सांसद