शिवपुरी (तेज समाचार डेस्क). मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र में पचीपुरा तालाब की दलदली मिट्टी में फंसी गाय को बचाने के चक्कर में एक युवक की मौत हो गई. उसके साथ रहे तीन भाई भी उसे बचा न सके. पुलिस ने स्थानीय मछुआरों एवं होमगार्ड टीम की मदद से तालाब में 4 घंटे रेस्क्यू कर कांटे की मदद से युवक का शव निकाला.
– कीचड़ में धस गई थी गाय
जानकारी के अनुसार, पोहरी क्षेत्र के नानौरा निवासी रूपेन्द्र अपने बड़े भाई देव सिंह, चचेरे भाई सोनू और अनिल के साथ बेसहारा गायों को पचीपुरा तालाब के उस पार ले जाने लगे. इस दौरान गायों को दूसरी तरफ ले जाते समय एक गाय कीचड़ में फंस गई, जिसे चारो भाई निकालने लगे. लेकिन उन्हें पानी की गहराई का अंदाजा नहीं था. इसी दौरान मिट्टी होने की वजह से रूपेंद्र के पैर टिक नहीं पाए और वह गहरे पानी में धंसने लगे और डूबने लगे.
– भाइयों ने बचाने की काफी कोशिश की
डूबते समय रुपेंद्र चिल्लाने लगे, इस पर दूसरे भाईयों ने उन्हें बड़े भाई देव सिंह, चचेरे भाई सोनू और अनिल ने रूपेन्द्र को बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए. युवक के पचीपुरा तालाब में डूबने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बैराड़ थाना प्रभारी आलोक सिंह भदौरिया ने स्थानीय मछुआरों और होमगार्ड टीम की मदद से युवक के शव को तालाब से निकालने का प्रयास किया. करीब 4 घंटे की कवायद के बाद होमगार्ड टीम ने तालाब से युवक का शव निकाला.
– तैरते-तैरते थक गया था रूपेन्द्र
भाई देवेंद्र ने बताया कि गाय का बछड़ा अटक गया था. मेरे मना करने पर भी वह दूसरी तरफ बछड़े को निकालने के लिए चला गया. उसने आवाज दी कि मैं डूब रहा हूं. अनिल भी उसे लेने गया, तब तक वह डूब गया. चचेरे भाई अनिल का कहना है कि रूपेंद्र तालाब में तैरते-तैरते थक गया. इसी वजह से वह डूब गया. वही दूसरे चचेरे भाई सोनू जाटव ने बताया कि वह तालाब के दूसरी तरफ आ गया था. गाय का बछड़ा फंस जाने पर रूपेंद्र निकालने आया था. रूपेंद्र को डूबता देखकर उसे बचाने आना चाहा, लेकिन नहीं आ पाया. मैने आवाज भी लगाई, लेकिन वह निकल नहीं पाया और डूब गया.