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धुलिया:लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाई भामरे की ताकत पर सामने हैं रेलमार्ग , सिंचन परियोजना ,अपराध मुक्त शहर की चुनौतियां

Tez Samachar by Tez Samachar
May 27, 2019
in Featured, खानदेश समाचार, धुले
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धुलिया:लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाई भामरे की ताकत पर सामने हैं रेलमार्ग , सिंचन परियोजना ,अपराध मुक्त शहर की चुनौतियां

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाई भामरे की ताकत पर सामने हैं रेलमार्ग , सिंचन परियोजना ,अपराध मुक्त शहर की चुनौतियां

धुलिया (वाहिद  काकर ):

कांग्रेस एनसीपी गठबंधन के बावजूद भाजपा की प्रचंड जीत से रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे का आत्मविश्वास जरूर बढ़ेगा। केंद्र में मोदी सरकार की वापसी से भामरे की पकड़ सरकार में और मजबूती से आगे बढ़ेगी। लेकिन इस नतीजे के साथ ही डॉक्टर भामरे की चुनौती भी बढ़ गई है भामरे ने केंद्र की योजनाओं को अच्छी तरह से निर्वाचन क्षेत्र में लागू कर दो लाख से भी अधिक वोटों से जीत दर्ज कराई है जिसमें मालेगांव आउटर ,सटाना , मालेगांव सेंट्रल , में अहम भूमिका निभाई। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री के तौर पर भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। सत्ता में रहते हुए मनमाड -इंदौर रेल परियोजना ,जामफ़ल कानोली इरिगेशन परियोजना अक्लपाड़ा परियोजना के
कार्यान्वित करने प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव फिर से दो बारा जीतने के बाद आम चुनाव में यह जीत उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगी। पर जीत की लय बरकरार रखना और 2019 के विधानसभा चुनाव में ऐसी ही उपलब्धि हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवाद के सामने कांग्रेसी प्रत्याशी कुणाल रोहिदास पाटिल की धज्जियां उड़ गई उन्हें स्वयं के विधानसभा धुलिया ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से लोगों के वोट नही मिले हैं जबकि रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है उन्हें धुलिया ग्रामीण शहर तथा मुस्लिम बहुल मालेगांव से वोट मिले है .वही पर कांग्रेस के कुणाल पाटील को भामरे ने विकास रेल करीडोर आदि विकास कार्यों के बल पर करारी शिकस्त दी है। इसके बावजूद सांसद भामरे के सामने मुख्य चुनौतियां है . बेरोजगार युवाओं के खाली हाथो को काम उपलब्ध कराना मनमाड इंदौर रेल लाइन के कार्य को
प्रत्यक्ष रूप में आरंभ कराना शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों का खात्मा सूखे की चपेट क्षेत्रों में जल परियोजनाओं से सिंचन व पीने का पानी उपलब्ध कराने की चुनौतियां अग्नि परीक्षा से कम नही होंगी.
1. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जल समस्या

लगातार सूखे की चपेट में होने के कारण शहर से ग्रामीण इलाकों में जल केंद्र बरस के 8 महीने निर्माण हो गई वही पर सर किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता है जिसके लिए सांसद भामरे को
अधर में लटकी हुई सुलवाड़े जामफल कनोली अक्लपाड़ा परियोजना को युद्ध स्तर पर समय पर पूरा कराकर भरपूर मात्रा में पानी खेती बाड़ी और पीनी के लिए जल उपलब्ध कराने की है। ज़िले में भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध हैं लेकिन मैनेजमेंट ज़ीरो के चलते नागरिकों को कुत्रिम जल समस्या से जूझना पड़ रहा है।
2. स्थानीय समस्याओं का निपटारा
आम तौर एक शिकायत आम रही कि ब्लॉक और तहसील महानगर पालिका ज़िला परिषद में समस्याओं की सुनवाई नहीं होती है। समस्या के समाधान के लिए बार-बार दौड़ लगानी पड़ती है। अक्सर बिना समाधान किए ही प्रकरण निस्तारित दिखा दिया जाता है। इसके अलावा जिन योजनाओं के लाभ का निर्णय स्थानीय स्तर पर पंचायत सेक्रेटरी या प्रधान करते हैं, उनमें भेदभाव होता है। यही नहीं पात्रता सूची में नाम होने के बावजूद लाभ नहीं दिया जाता आदि समस्याओं का समय पर निराकरण करने प्रशासन को सख्त निर्देश जारी कर प्रशासन पर पकड़ बनाने की आवश्यकता रहेगी

3 मनमाड़ इंदौर परियोजना:- खान्देश की बहुप्रतीक्षित मनमाड इंदौर रेल परियोजना का प्रथम चरण का उद्घाटन बोरवीर – नरड़ाना मार्ग का भूमिपूजन अचर संहिता से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था .इस परियोजना के साथ ही मनमाड़ इंदौर रेल परियोजना का भूमिपूजन भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के साथ ही पांच वर्षों के भीतर प्रत्यक्ष रूप से खान्देश वासियों की बहुप्रतीक्षित मनमाड धुलिया इंदौर रेल परियोजना को साकार करने ज़मीनी स्तर से
युद्ध स्तर तक कार्य करने की सब से बड़ी चुनौती रक्षा राज्य मंत्री तथा सांसद भामरे के मजबूत कंधों पर है.

4 नौकरी मिलने में लेटलतीफी करानी होंगी कारखानों की स्थापना:-

युवाओं ने पूरी ताकत से मोदी को वोट किया है। लेकिन बेसिक शिक्षा से लेकर पुलिस व लोकसेवा आयोग की भर्तियों में लेटलतीफी व कोर्ट-कचहरी के चक्कर से उनमें जबरदस्त नाराजगी है। जगह-जगह युवा शिक्षक भर्ती में कट ऑफ के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उच्चतर शिक्षा आयोग व माध्यमिक शिक्षा आयोग में कई भर्तियां वर्षों से लंबित हैं। इससे भी युवाओं में नाराजगी है। दिल्ली कॉरिडोर के माध्यम से केंद्र तथा राज्य सरकार के सहयोग से रोजगार उपलब्ध कराने उद्योग कारखाना इंडस्ट्रीज खड़े कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की कड़ी चुनौती सांसद भामरे के सामने है।
5. अपराध मुक्त शहर निर्भय शहर

अपराध मुक्त शहर की कल्पना तब ही हो सकती है जब प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई हो लोगों का कहना है कि सरकार चुनाव आता है तभी बड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती है। साल बीत गया रेल लाइन से लेकर दिल्ली मुंबई कॉरिडोर प्रताप मिल तक के मामले लंबित हैं, कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव आया तो आचार संहिता बीच में आ गई। इसी तरह प्रभावशाली छूट भैया नेताओं के तमाम मामले वर्षों से दबे हैं। उन पर कोई निर्णय नहीं होता। अब देखा जाएगा कि सरकार बड़े लोगों के लंबित मामलों को सियासी सौदे तक ही सीमित रखती है या फिर चुनाव आने पर ही याद करेगी। शहर में अपराधिक वारदातों से सामान्य आदमी का रहना मुहाल हो गया है इन पर समय रहते दादा भाऊ नाना पहलवानों पर अंकुश लगाने की प्राथमिकता देने की जरूरत है।

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