मुंबई (तेज समाचार डेस्क). गांधी विचार मंच के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने कहा कि बारिश के मौसम में भी महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्य सूखे की चपेट में हैं. तालाब, कुआं एवं ट्यूबेल में पीने के लिए पानी नहीं है. राजस्थान और महाराष्ट्र में तो ग्रामीण एवं जानवर टैंकरों के सहारे जी रहे हैं. गुप्ता बोरीवली प. स्थित नंद नंदन भवन हाल में आयोजित सामाजिक समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार अकेले इस समस्या से निपटने में सफल नहीं हो सकती, ऐसे में हर नागरिक को अपना दायित्व निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बारिश में कुछ क्षेत्र पानी में डूब जाते हैं, वहीं बहुत से क्षेत्र सूखे की चपेट में रहते हैं. यदि बाढ़ का पानी सूखा क्षेत्रों की तरफ मोड़ दिया जाए तो देश की बाढ़ और सूखे की समस्या हल हो सकती है. इसके लिए सरकार के साथ ही हमें भी पहल करनी पड़ेगी, यदि आर्थिक रूप से सक्षम हर देशवासी एक मीटर पाइप सरकार को दान कर दे तो सरकार पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा, वहीं आसानी से पाइप लाइन के माध्यम से बाढ़ का पानी सूखे वाले क्षेत्रों में पहुंचाया जा सकेगा. अग्रसेन महाराज की एक ईंट और एक रुपए के फार्मूले को अपनाने की जरूरत है. इस फार्मूले से महाराज ने रोटी-रोजी की समस्या को हल करने में सफल रहे. गुप्ता ने कहा कि पूरी दुनियों को खुशियां एवं हरियाली बांटने वाले राजस्थानी अपनी जन्म भूमि को हरा-भरा करने के लिए विशेष ध्यान नहीं दे रहे हैं. दानदाताओं की पहली कतार में खड़ा मारवाड़ी, अग्रवाल, माहेश्वरी समाज यदि थोड़ी सी पहल कर दे तो राजस्थान की पानी समस्या हल हो सकती है. गुप्ता ने कहा कि आदमी अपने स्तर पर यदि सरकार का सहयोग दे तो बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है. ग्रामीण स्तर पर यदि हर व्यक्ति अपने द्वार पर एक पेड़ और अपनी जमीन में छोटा ही सही, तालाब का निर्माण करे तो बारिश का पानी बर्बाद नहीं होगा, तालाब से जलस्तर बढ़ेगा, वहीं पेड़ से पर्यावरण शुद्ध रहेगा, जिससे समय पर बारिश होगी और धरा हरी-भरी होगी. यह काम करने में हर व्यक्ति सक्षम है बशर्तें इच्छाशक्ति हो. इस समय बड़ी तादाद में लोग उपस्थित थे.