28 जनवरी 2020 की शाम एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी की फोन की घंटी घनघना उठती है. ये फोन सरकार की तरफ से था. अगले कुछ घंटों में अश्विनी लोहानी सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक इमरजेंसी मीटिंग में थे. उस मीटिंग में अश्विनी लोहानी को एक मिशन सौंपा जाता है. वो मिशन था उस शहर में जा कर कुछ लोगों को रेस्क्यू करना जिसे छोड़ कर हर कोई भाग रहा था. अश्विनी लोहानी को चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट कर के वापस दिल्ली लाने का मिशन सौंपा जाता है. उस मीटिंग में उनसे पूछा जाता है कि क्या ये मिशन हो पायेगा? क्योंकि वायरस से ग्रसित वुहान शहर में जाना किसी सु’साइड मिशन से कम नहीं था.
अश्विनी लोहानी 2 घंटे का वक़्त लेते हैं. इन दो घंटों में वो अपने तमाम स्टाफ से बात करते हैं और फिर वो वापस सरकार को कॉल कर के कहते हैं कि सब कुछ तैयार है, रात के 8 बजे तक हम वुहान के लिए निकल सकते हैं. आपका सिग्नल मिलते ही प्लेन दिल्ली से टेकऑफ़ कर जायेगी वुहान के लिए.