नई दिल्ली. जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार आयी है, विरोधी विचारधारा के लोग केन्द्र से उनके कामों का हिसाब मांगने में जुटे है. ये लोग ऐसे मौकों की तलाश में लगे रहते है, जिससे केन्द्र को घेरा जा सके. हाल ही में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने केन्द्र से पूछा था कि पिछले तीन सालों में कश्मीर में कितने सैनिक शहीद हुए है. केंद्र सरकार ने इस आरटीआई के जवाब में बताया है कि पिछले तीन साल में कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 62 नागरिकों की मौत हुई है तथा 183 जवान शहीद हुए है. यह आंकड़ा मई, 2014 से मई, 2017 तक का है.
– रंजन तोमर ने पूछे 4 सवाल
नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर ने होम मिनिस्ट्री से आतंकवाद से जुड़े चार सवाल पूछे थे. इस पर होम मिनिस्ट्री ने जवाब दिया है. आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर ने पूछा था कि मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में कितनी आतंकी वारदातें हुईं? यूपीए के आखिरी तीन साल में कितनी आतंकवादी घटनाएं हुईं थी? यूपीए सरकार ने आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए आखिरी तीन साल में कितना फंड जारी किया? तथा मोदी सरकार ने अपने शुरुआती तीन साल में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए कितना फंड जारी किया?
– 4 सवालों के 4 जवाब
इन चार सवालों के जवाब में केन्द्र ने रंजन तोमर को जवाब दिया है कि मई, 2014 से मई, 2017 तक 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं. इनमें 62 नागरिक मारे गए. जबकि 183 जवान शहीद हुए. दूसरे सवाल के जवाब में केन्द्र ने कहा कि मई, 2011 से मई 2014 के बीच जम्मू एवं कश्मीर में 705 आतंकवादी घटनाएं हुईं. 59 आम नागरिक मारे गए. 105 जवान शहीद हुए. तीसरे सवाल के जवाब में कहा गया है कि आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए होम मिनिस्ट्री ने 850 करोड़ रुपए जारी किए गए थे. आंकड़ा मई, 2011 से मई, 2014 के बीच का है. और आखरी चौथे सवाल के जवाब में कहा गया कि मोदी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में मई, 2014 से मई, 2017 तक 1,890 करोड़ रुपए जारी किए.
– इस साल लश्कर-हिजबुल के 5 कमांडर मारे गए
मई में सब्जार भट (हिजबुल) : 27 मई को सिक्युरिटी फोर्सेज ने कश्मीर में 2 एनकाउंटर को अंजाम दिया था. एक रामपुर सेक्टर तो दूसरा त्राल में. इस दौरान आर्मी ने 10 आतंकी मार गिराए. त्राल के एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट भी मारा गया था. सब्जार बुरहान वानी का उत्तराधिकारी था. बुरहान को सिक्युरिटी फोर्सेस ने पिछले साल 8 जुलाई को मार गिराया था.
सितंबर में अब्दुल कयूम (हिजबुल) : 26 सितंबर को लाइन ऑफ कंट्रोल के पास लच्छीपोरा इलाके में अब्दुल कयूम नजर को सिक्युरिटी फोर्सेस ने घुसपैठ के दौरान मार गिराया. उसे यहां हिजबुल कमांडर का चार्ज संभालने भेजा गया था.
जून में जुनैद मट्टू (लश्कर) : जून में सिक्युरिटी फोर्सेस ने साउथ कश्मीर के अरवानी गांव में एक और लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू समेत तीन आतंकियों को मार गिराया था. मट्टू कुलगाम के खुदवानी गांव का रहने वाला था. वह 3 जून 2015 को लश्कर में भर्ती हुआ था. पिछले साल जून में वह BSF की बस पर हुए हमले में शामिल था. मट्टू ने जून 2016 में अनंतनाग के एक बिजी बस स्टैंड पर दिन दहाड़े 2 पुलिसवालों को भी गोली मार दी थी.
– अगस्त में अबु दुजाना (लश्कर) : 1 अगस्त को कश्मीर के पुलवामा में सिक्युरिटी फोर्सेज ने एक एनकाउंटर में लश्कर के टॉप कमांडर अबू दुजाना को भी मार गिराया था. वह ए कैटेगरी का आतंकी था. उस पर 10 लाख का इनाम था. लश्कर ने 2013 में आतंकी अबू कासिम की मौत के बाद दुजाना को कमांडर बनाया था.
सितंबर में अबू इस्माइल : श्रीनगर में 14 सितंबर को सिक्युरिटी फोर्सेस ने लश्कर कमांडर अबू इस्माइल को मार गिराया था. अबू अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था. वह पाकिस्तान का रहने वाला था और 3 साल से कश्मीर में एक्टिव था. अनंतनाग अटैक में 5 महिलाओं समेत 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई थी.
– इस साल मारे गए 145 आतंकवादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक यानी सितंबर तक कश्मीर में 145 आतंकी मारे जा चुके हैं. यह संख्या इस दशक में सबसे ज्यादा है. इससे पहले 2016 में 150 आतंकी मारे गए थे, लेकिन यह आंकड़ा पूरे साल का था.

