इंदौर (तेज समाचार डेस्क). मुहब्बत जो न कराए, कम ही है. इस कहावत को चरितार्थ किया है, इंदौर के गोल्डन गैंग ने. इस गैंग के मेंबर अपनी गर्लफ्रैंड्स के शौक पूरे करने के लिए अपराध की दुनिया में उतर गए और चोरी कर अपनी प्रेमिकाओं की इच्छाएं पूरी करते थे. इंदौर पुलिस ने इस गोल्डन गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से चोरी के 13 वाहन जब्त किए हैं. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि शराबखोरी, नई बाइक पर घूमना और गर्लफ्रेंड के शौक को पूरा करने के लिए वे चोरी करते थे. ये बदमाश अपने बालों का रंग भी गोल्डन करवा लेते थे, इस कारण इनकी गैंग का नाम गोल्डन गैंग पड़ा. पूछताछ में इन्होंने दो दर्जन से ज्यादा वारदातों को अंजाम देना कबूला है. ये मास्टर चाभी या फिर लॉक तोड़कर वाहनों को चुराते थे.
– चेकिंग के दौरान आए लपेटे में
विजयनगर पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक लोडिंग ऑटो रिक्शा को रोका, जिसमें सवार तीन युवक संदिग्ध नजर आए. पुलिस को देख उन्होंने भागने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया. बदमाशों ने अपने बालों को सफेद और गोल्डन करवा रखा था. मुखबिरों ने भी बाल रंगने वाले वाहन चोर के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. पुलिस ने पूछताछ की तो लोडिंग रिक्शा चोरी का होना पता चला. पूछताछ में उन्होंने बताया कि 25 हजार रुपए वे इसे बेचने वाले थे.
– बालों को गोल्डन रंग से रंगते थे
पुलिस के अनुसार आरोपी मिचरा नरसिंह निवासी जामली फलिया धार, पवन रामभगत बानखेडे, निवासी रहमानपुरा देवास और एक नाबालिग जिसने बाल गोल्डन कर रखे हैं, को पकड़ा है. मुखबीर ने बताया था कि एक बाइक चोर गिरोह चोरी के बाद हमेशा अपने बालों का रंग बदल लेता है. पूछताछ में पता चला कि चोर एक गुमटी में सैलून संचालित करता है. तलाशने पर वह पुलिस के हाथ नहीं आया, लेकिन बाल रंगने की बात पुलिस के दिमाग में थी. हाल ही में चोरी की वारदात होने पर पता चला था कि एक आरोपी ने बालों को गोल्डन करवा रखा है. इसीलिए इसे गोल्डन गैंग कहा जाता था.
– चोरी के पहले की जाती थी रैकी
गिरोह के सरगना मिरचा ने बताया कि वे वेटर, मजदूर बनकर वाहन चोरी के लिए रैकी करते थे. टारगेट सेट करने के बाद मास्टर चाभी से गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश करते थे. गाड़ी स्टार्ट नहीं होने की स्थिति में वे उसका लॉक तोड़ देते थे. लॉक तोड़ने के बाद से तार के जरिए बाइक स्टार्ट करते थे. मिचरा पीथमपुर में मजदूरी का दिखावा करते हुए रैकी करता था. वह पार्किंग में रखे वाहनों को टारगेट करता था. इसके बाद नाबालिग और साथी पवन को भेजता था. गाड़ी मालिक के वहां से जाते ही वे लॉक खोल या तोड़कर भाग निकलते थे.
– तलाशी में मास्टर चाभी भी मिली
मिरचा अपने साथ हमेशा मोटी रकम लेकर चलता था, जिससे पकड़ने जाने पर वह बाइक खरीदने जाने का कह सके. उसने इंदौर, उज्जैन और देवास में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है. उसके पास पुलिस को तीन मास्टर चाभी मिली है. चोरी के बाद वह क्षेत्र में ही बाइक को 20 हजार से 25 हजार रुपए में बेच देता था. इसके बाद तीनों अपना-अपना हिस्सा बांट लेते थे. मिरना ने बताया कि तीनों ने शराबखोरी, नई बाइक में घूमना और गर्लफ्रेंड के शौक को पूरा करने के लिए चोरी का रास्ता अपनाया. तीनों मिलकर चोरी करते और बाइक बेचने का काम मिरचा के जिम्मे था. वे नई गाड़ियों में घूमकर साथियों और गांववालों पर रौब झाड़ते थे.