जलगांव ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – शुक्रवार को जलगांव के मराठी प्रतिष्ठान की ओर से शहर के सागर पार्क पर खानदेश का प्रख्यात बैंगन का भर्ता बनाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया. प्रख्यात शेफ विष्णु मनोहर व उनके लगभग 125 सहयोगियों ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 3000 किलो का बैंगन का भर्ता बना कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया.
विशेष बात यह थी कि शुक्रवार सुबह लगभग 5:00 बजे से तैयार किए जा रहे इस बैंगन के 3000 किलो भर्ते को मात्र ढाई घंटे की अवधि में शहरवासियों ने आपस में बांट लिया. सागर पार्क पर संपन्न हुए इस कार्यक्रम में जलगांव जिले भर से लोगों ने पहुंचकर विश्व कीर्तिमान का स्वरूप ले रहे खानदेश के प्रख्यात बैंगन भर्ते को बनाने वालों का उत्साहवर्धन किया.
कार्यक्रम की शुरुआत में स्थानीय विधायक सुरेश भोले, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजेंद्र फड़के, कामत ग्रुप ऑफ़ होटल के संस्थापक डॉ विठ्ठल कामत, जिलाधीश किशोर राजे निंबालकर सहित अन्य गणमान्य ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए खानदेश के प्रख्यात बैंगन के भर्ते को बनाने व कीर्तिमान स्थापित किए जाने को लेकर शुभकामनाएं दी.
मराठी प्रतिष्ठान की ओर से अध्यक्ष एडवोकेट जमील देशपांडे, विजयवाणी ने इन गणमान्य का अनोखे स्वरूप में स्वागत करते हुए बैंगन की मालाएं पहनाकर खानदेश भर्ते का सकारात्मक संदेश भी दिया. कार्यक्रम के दौरान ढोल मंजीरे की गूंज पर स्थानीय नृत्य उल्लास भी प्रस्तुत किए गए.
तीन-चार दिन से जलगांव जिले में पढ़ रही भीनी भीनी सर्दी के बीच शुक्रवार सुबह लगभग 5:00 बजे से ही सागर पार्क मैदान पर देखने वालों की भीड़ जमा होना प्रारंभ हो गई. कुछ लोगों ने इस उत्साह को अपने मोबाइल कैमरों में वीडियो के रूप में भी कैद किया. विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाले शेफ विष्णु मनोहर के साथ सेल्फी लेने वालों की भारी संख्या मौजूद थी. 3000 किलो के बैंगन के भर्ते को बनाने की प्रक्रिया आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए आयोजकों द्वारा बड़े-बड़े स्क्रीन लगाकर प्रदर्शन भी किया गया.
लगभग 10:30 बजे प्रख्यात शेफ विष्णु मनोहर अपनी टीम के साथ सागर पार्क में उपस्थित हुए लगभग 6 घंटे के उपरांत 12:02 बजे इस विख्यात खानदेश भर्ता निर्माण करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. इस बैंगन के भर्ते को बनाने के लिए 10 बाय 10 व्यास की लोहे की कढ़ाई विशेष रूप से बनवा कर मंगाई गई. इस कढ़ाई में कम से कम 20 व्यक्ति आराम से बैठ सकते हैं.
आयोजकों द्वारा जानकारी दी गई कि 3000 किलो बैंगन का भर्ता बनाने के लिए खानदेश के प्रख्यात बड़े बैंगन मंगाए गए थे. जिन्हें छांट कर अच्छे बैंगनों का प्रयोग किया गया. 3200 किलो बैंगन को भुना गया, जिसमें 120 किलो मूंगफली का तेल, 100 किलो मिर्च पाउडर, 50 किलो लहसन, 20 किलो मूंगफली दाना, 5 किलो जीरा, 100 किलो हरा धनिया, 25 किलो खड़ा नमक सहित अन्य सामग्री प्रयोग की गई.
बैंगन का भर्ता बनाने के लिए विष्णु मनोहर के साथ 5 विशेष कारीगर, 60 महिलाएं सहयोगी, 40 पूर्व सहयोगी, 20 सुपरवाइजर व दो अन्य निरीक्षक मौजूद थे.
आयोजकों द्वारा जानकारी दी गई कि इससे पहले इतनी इतने बड़े पैमाने पर बैंगन का भर्ता बनाने का कोई विश्व कीर्तिमान स्थापित नहीं हुआ है. इसलिए इस कीर्तिमान को स्थापित करने हेतु गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में पंजीकरण कराया गया. विश्व स्तर पर जलगांव शहर में पहली बार 3000 किलो का बैंगन बनाने का यह प्रयोग सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. जिसका पंजीकरण करने के लिए नागपुर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड के गौरव द्वेदी, मिलिंद देशकर, विजय लाथे अपने लगभग 40 सहयोगियों के साथ जलगांव आए थे. इस विश्व कीर्तिमान के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के सहयोगी, तहसीलदार पंकज लोखंडे सहित अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे. जो विश्व कीर्तिमान के लिए लगने वाली आवश्यक कागजी पुर्तता कर रहे थे. मराठी प्रतिष्ठान के इस प्रयास के विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र दो माह उपरान्त मिलने की जानकारी भी दी गई.
खानदेश में भीनी भीनी सर्दी के बीच खेतों में स्थानीय लोगों के घरों में बैंगन का भर्ता बनाना प्रारंभ हो जाता है. सर्दियां प्रारंभ होते ही लोगों के मेलजोल की बैंगन पार्टियां आमतौर पर देखी जाती हैं. जलगांव जिले में शहर के निकट आसौदा गांव इस बैंगन के भर्ती के लिए प्रख्यात माना जाता है. खानदेश के बैंगन भर्ता को पूरे महाराष्ट्र में स्वाद के लिए पहचाना जाता है . जलगांव जिले से महाराष्ट्र व समीप के गुजरात और मध्य प्रदेश में रहने वाले महाराष्ट्रीयन परिवार भीनी भीनी सर्दी के प्रारंभ होते ही अपने रिश्तेदारों को बैंगन का भर्ता भेजने का आग्रह भी करने लगते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार खानदेश में बनने वाले बैंगन भर्ते को पूरी तरह से ना पकाते हुए अन्य स्थानों पर भेजा जाता है. जहां पर आने जाने में लगने वाले समय के अंतर्गत यह खानदेशी बैंगन का भर्ता लगभग 7 से 8 दिन तक खाने योग्य बना रहता है. बाहर रहने वाले लोग खानदेश से इस बैंगन के भर्ते को मंगवा कर उसे अपने अनुरूप तड़का लगाकर स्वाद योग्य बना लेते हैं.