कोल्हापुर (तेज समाचार डेस्क). कोरोनामुक्त हुए कोल्हापुर जिले के पहले मरीज के खून से प्लाज्मा लिया गया है. गंभीर, अत्यवस्थ कोरोना मरीजों पर अब इस प्लाज्मा थेरेपी की सहायता से इलाज किये जायेंगे. महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले में ही पहली बार इस थेरेपी का पहला प्रयोग किया जाएगा. उसके लिए इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आयसीएमआर) को प्रमाणित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
– प्लाज्मा में एंटीबॉडीज का समावेश
पुणे से आये और कोल्हापुर जिले में पाए गए पहले कोरोना मरीज को 18 अप्रैल को कोरोना मुक्त घोषित किया गया है. कोरोनामुक्त हुए इस युवक की इच्छा से उसके खून से 550 मिली प्लाज्मा लिया गया है. इस बारे में इस मरीज पर इलाज करने वाले निजी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ .सतीश पुराणिक ने बताया कि, रोगमुक्त हुए मरीज के शरीर में एन्टीबॉडीज तैयार होते हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई विषाणू शरीर में प्रवेश करता है तो शरीर में स्थित ऐसे सैनिक उसका सामना करने के लिए तैयार होते हैं. कोरोनामुक्त हुए मरीज के शरीर से लिए गए खून से निकाले गए प्लाज्मा में इन एन्टीबॉडीज का समावेश है. इसका मतलब है, अगर कोई गंभीर मरीज है तो उसके शरीर के विषाणू के लिए अतिरिक्त सैनिकों की प्लाटून इस प्लाज्मा की सहायता से तैयार रखी गई है. इन्ही सैनिकों के बलबूते अत्यवस्थ मरीज के प्राण बचाये जा सकते हैं.
– कोरोना मुक्त मरीज का लिया जाता है प्लाज्मा
छत्रपति प्रमिलाराजे जिला सरकारी अस्पताल में स्थित राजर्षि शाहू ब्लड बैंक के तंत्रज्ञ रमेश सावंत ने बताया कि, 14 दिनों की अवधि के बाद कोरोना मरीज के स्वैब दो बार जांचे जाते हैं. यह दोनो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद कोरोनामुक्त मरीज का प्लाज्मा लिया जाता है. फिलहाल लिया गया प्लाज्मा सभी जांच कराने के बाद ब्लड बैंक में संकलित किया गया है. इस प्लाज्मा का उपयोग आवश्यकता के अनुसार मरीजों पर इलाज के लिए किया जाएगा.
– मरीजों की अनुमति से ही होगा इलाज
कोरोना बाधित गंभीर, अत्यवस्थ मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की सहायता से इलाज करने के लिए आयसीएमआर को प्रस्ताव प्रमाणित करने भेजा गया है.ऐसा बता कर हिमैटोलॉजिस्ट डॉ. वरूण बाफना ने कहा कि, इमरजेंसी में इस प्लाज्मा का इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है. अभी जारी इलाज के मरीजों के परमिशन से उनके खून से प्लाज्मा लिया जानेवाला है. और भविष्य में यह प्लाज्मा अत्यवस्थ मरीजों पर इलाज के लिए उपयोग में लाया जाएगा. प्लाज्मा थेरेपी की सहायता से कोरोना के मरीजों पर इलाज का कोल्हापुर का यह राज्य में पहला प्रयोग होगा.