पुणे (तेज समाचार डेस्क). हालांकि इस समय पूरा विश्व ही कोरोना के संक्रमण से परेशान है. हमारे देश की बात करे, तो एक संतोषजनक बात यह है कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या और मृतकों की संख्या काफी कम है. इसका कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समय रहते उठाए गए कदम है. विशेषज्ञों के अनुसार इस महामारी को रोकने का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग ही है. इसी कारण पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. इसके बावजूद हमारे देश में महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है, जहां स्थितियां काफी विस्फोटक हो गई है. यहां भी विशेष रूप से मुंबई और पुणे में स्थिति काफी भयावह है. यहां प्रतिदिन नए संक्रमितों का इजाफा हो रहा है. मंगलवार तक राज्य में संक्रमितों की संख्या 8,590. इन आंकड़ों को देख कर लगता है कि आगामी कुछ ही दिनों में या शायद एक करीब सप्ताह बाद ही महाराष्ट्र दस हजारी में पहुंच जाएगा. आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में पूरी दुनिया के 174 देशों से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं, जबकि राजधानी मुंबई में दुनिया के 164 देशों से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं. इसके अलावा जहां देश में 948 लोगों की जान कोरोना से गई. इनमें सर्वाधिक 369 मृतक महाराष्ट्र के हैं.
– रिकवरी में भी महाराष्ट्र सबसे आगे, तब तक 1,282 मरीज ठीक हुए
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ राज्य में इस बीमारी से ठीक होने वाले भी बढ़ रहे हैं. सोमवार को राज्यभर से 94 नए पेशेंट ठीक होकर अपने घर लौटे हैं. पूर प्रदेश में अब तक 1,282 पेशेंट नेगटिव हो चुके हैं. राज्य में 1 लाख 45 हजार 677 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है, जबकि 9,399 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में रखा गया है. हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आने का बड़ा कारण यहां दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक टेस्ट कराना भी है. राज्य में अब तक 1,21,562 लोगों का टेस्ट किया है. महाराष्ट्र में 21 से 30 साल के बीच के लोग सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं. डॉक्टर इसका कारण इस उम्र के लोगों का घर से ज्यादा बाहर निकलना मानते हैं. सिर्फ 1 संक्रमित 101-110 साल के बीच के हैं. ग्राफ से इस ट्रेंड को समझ सकते हैं.