UGC: विश्वविद्यालयों के लिए अकेडमिक कैलेंडर और परीक्षा गाइडलाइन की जारी
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): कोविड-19 से बचाव के लॉकडाउन में सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में परीक्षा और अकेडमिक कैलेंडर 2020 के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।
देशभर के विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार सितंबर में शुरू किया जाएगा। लॉकडाउन के कारण कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र को दो माह की देरी से शुरू किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान कॉलेज बेशक बंद रहे, लेकिन इस अवधि के लिए सभी छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत दर्ज की जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष समिति गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है। विशेष समिति ने यूजीसी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है, “लॉकडाउन के दौरान सभी छात्रों की उपस्थिति शत प्रतिशत दर्ज की जाए।”
समिति की सिफारिश को अगले सप्ताह यूजीसी स्वीकृत दे सकता है। छात्रों की उपस्थिति इसलिए दर्ज की जा रही है, ताकि सभी छात्र फाइनल परीक्षाओं में शामिल हो सकें। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है, “देशभर के सभी कॉलेजों में सप्ताह में छह दिन पढ़ाई होनी चाहिए। परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए।” समिति शनिवार को भी कॉलेज चालू रखने की पक्षधर है।
परीक्षा का समय तीन घंटे की बजाय दो घंटे का होगा। परीक्षा की सूचना कम से कम एक सप्ताह पहले देनी होगी। लॉकडाउन अवधि में सभी छात्रों व शोध छात्रों की हाजिरी उपस्थित मानी जाएगी। वर्तमान शैक्षणिक सत्र केलिए कैरी फारॅवर्ड (ऐसे विषय जिसमें छात्र फेल हों) योजना को मंजूरी मिले। ऐसे छात्र अगली कक्षा में प्रमोट किये जाएंगे। लैब आधारित प्रयोग की बजाय संस्थान सॉफटवेयर संचालित परियोजना पर काम करें। जिन विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली की बजाय वार्षिक परीक्षा वाला अकेडमिक कैलेंडर है, ऐसे छात्रों के लिए सौ फीसदी अंक मूल्यांकन, आतंरिक मूल्यांकन (इंटरनल अस्समेंट) के आधार पर होगा।
75 फीसदी पाठयक्रम कक्षा तो 25 ऑनलाइन क्लासेज में:
शिक्षकों को अब तकनीक से पढ़ाई को जोडऩा होगा। ऐसे में 75 फीसदी पाठ्यक्रम वे फेस टू फेस कक्षा में बिठाकर पूरा कर सकते हैं, लेकिन 25 फीसदी शनिवार या रविवार को घर बैठे ऑनलाइन क्लास में पूरा करना होगा। इसके लिए बाकायदा शिक्षकों को वीडियो कांफ्रेसिंग से जुडऩा सीखाया जाए।
पीएचडी, एमफिल स्कॉलर्स को छह महीने का अतिरिक्त समय:
पीएचडी, एमफिल स्कॉलर्स को डिग्री पूरी करने और थीसिस जमा करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा। यह अवधि सामान्य रूप से मिलेगी। थीसिस जमा करने और दाखिले के लिए वाइवा गूगल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट तकनीक या फिर वीडियो कांफ्रेेसिंग के माध्यम से जमा होगी।
सेकेंड और थर्ड ईयर के लिए नया सत्र 1 अगस्त से
समिति ने अपनी एक अन्य सिफारिश में कहा है, “जहां प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र एक सितंबर से शुरू किया जाए, वहीं सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सत्र एक अगस्त से शुरू किया जा सकता है।”
16 से 30 मई के बीच वायवा
समिति ने आगे कहा, “16 से 30 मई के बीच वायवा लिया जाए। इंटरनल एसेसमेंट और वायवा दोनों ही ऑनलाइन तरीके से लिए जाएंगे।”
इससे पहले यूजीसी ने एक बैठक बुलाई। बैठक के उपरांत यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने कहा, “सोमवार शाम समिति की रिपोर्ट पर चचार् के लिए एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कॉलेजों की परीक्षाओं और शैक्षणिक सत्र शुरू किए जाने को लेकर चचार् की गई। यूजीसी के कई सदस्यों ने कमेटी की रिपोर्ट पर अपने सुझाव पेश किए हैं।”