पुणे (तेज समाचार डेस्क). मंडल रेल प्रबंधक पुणे के सक्षम नेतृत्व एवं प्रधान मुख्य इंजीनियर मध्य रेल मुंबई के मार्गदर्शन में पुणे रेल मंडल का इंजीनियरिंग विभाग रेलवे ट्रैक को आवश्यक सुरक्षा मानकों के साथ व्यवस्थित रखने में प्रयासरत है जिससे इस संकट के समय में वर्तमान में देश के सभी हिस्सों में माल गाड़ियां और श्रमिक स्पेशल ट्रेन के निर्बाध मार्ग को सुनिश्चित किया जा सके. इस लॉकडाउन अवधि के दौरान कम यातायात का लाभ उठाकर पुणे मंडल के इंजीनियरिंग विभाग ने एक उत्कृष्ट कार्य किया गया, जिसमें पुणे – लोनावला सेक्शन में तलेगांव रेलवे स्टेशन पर स्थित पुराने तथा जीर्ण हो रहे पैदल ऊपरी पुल को हटाया गया.
– 75 वर्ष पुराना था पुल
पुणे रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज झंवर की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि तलेगांव स्टेशन पर स्थित यह जाली गर्डर प्रकार का पैदल ऊपरी पुल 2.44 मीटर चौड़ा था एवं इसकी कुल लंबाई 30 मीटर थी, जिससे अप तथा डाउन के प्लेटफॉर्म पर आना जाना होता था. इस पुल का निर्माण 75 वर्ष पहले किया गया था. गर्डर स्पैन के निचले हिस्से क्षतिग्रस्त होने के कारण तथा ब्रेसिंग के जोड़ों में बुरी तरह जंग लगने की वजह से इसकी मरम्मत कर इसे उपयोग में रखना संभव नहीं था इस कारण अक्टूबर 2019 से इसका इस्तेमाल बंद कर नया 6 मीटर चौड़ा पैदल उपरी पुल आने – जाने हेतु खोला गया.
– लॉकडाउन में कम ट्राफिक का सदुपयोग
सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखते हुए, पुराने पैदल ऊपरी पुल को प्राथमिकता के आधार पर ध्वस्त किया जाना था. सामान्य परिस्थितियों में रेलगाड़ियों को रेगुलेट या रद्द कर ट्रैफ़िक एवं पावर ब्लॉक प्राप्त होने पर ही यह कार्य किया जाता, जिससे रेल आवागमन बहुत ज्यादा प्रभावित होता. लॉक डाउन के चलते रेल आवागमन कम होने का फायदा उठाते हुए 28 मई को पुल को हटाने की योजना बनाई गई.
मनोज झंवर ने बताया कि इस कार्य के फलस्वरूप सेक्शन की सुरक्षा वृद्धि में योगदान मिला है. यह कार्य वरिष्ठ मंडल इंजीनियर पीके चतुर्वेदी तथा मंडल इंजीनियर गौतम मुसले की देखरेख में किया गया.
इस पैदल ऊपरी पुल को हटाने के परिणामस्वरूप ओएचई की सुरक्षा में निम्न सुधार हुआ है.
1.पुराने ऊपरी पुल के नीचे ओएचई (इलेक्ट्रिक इंजन हेतू विद्युत वहन करनेवाली तारें) इनकी ऊंचाई सभी चार लाइनों यानी अप, अप लूप, डाउन और डाउन लूप पर महत्वपूर्ण (न्यूनतम 4.69 मीटर जरूरी) थी. तारों की आवश्यक ऊंचाई अब व्यवस्थित हो गई है.
2. पुराने पैदल ऊपरी पुल की कम ऊंचाई के कारण विद्युत इंजन के पेंटो ग्राफ और विद्युत तारों के बीच आवश्यक दूरी रखना मुश्किल होता था, पुराने पुल के ढांचे को हटाने के कारण पर्याप्त दूरी रखना संभव हो गया.
3. अब ओएचई प्रोफाइल में वृद्धि के साथ सुधार आएगा.
4. इसके अलावा ओएचई पैरामीटर यानी कॉन्टेक्ट वायर की ऊँचाई में 5.5 मीटर तक की वृद्धि की जा सकती है, जो कि पुराने विखंडित पैदल ऊपरी पुल की जगह पर एक आवश्यक विद्युत उपकरण (पोर्टल ) के लगने से प्राप्त हो जाएगी.
इससे प्राप्त एक और लाभ यह है कि पुराने पैदल ऊपरी पुल के लिए अप और डाउन लाइन के बीच प्रदान किया सपोर्ट पिलर 2.32 मीटर चौड़ा था जो गाड़ियों के सुचारू आवागमन के लिए ठीक नहीं था, इसे अब खत्म कर दिया गया है. महामारी के इस समय में भी रेलवे ट्रैक की रखरखाव गतिविधियाँ दिन – रात करके पुणे रेल मंडल का इंजीनियरिंग विभाग रेल यातायात के सुरक्षित परिचालन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.