अहमदनगर (तेज समाचार डेस्क). देश की प्राचीन शस्त्रविद्या धनुर्विद्या (आर्चरी) को पूरे विश्व में प्रतियोगिता के तौर पर आयेाजित किया जाता है. ओलिम्पिक में भी इसका काफी महत्व है. पर दु:ख की बात यह है कि हमारे देश से किसी ने अभी तक इस परंपरागत खेल में कोई मेडल नहीं जीत सका. आज भी हम इस आस में हैं कि देश का कोई नौजवान खिलाड़ी इसमें स्वर्ण पदक जीते व भारत का नाम रोशन कर सके. हाल के दिनों में कई बच्चे इसमें पारंगत हुए हैं. जिनसे आस जग रही है. इसी में से एक हैं,अहमदनगर की शरण्या सोनवणे. जो पिछले 3 वर्षों से शानदार प्रदर्शन करती आ रही हैं.
अहमदनगर में आर्चरी का प्रशिक्षण ले रही 9 वर्षीय सोनवणे ने दिसंबर 2019 में आयोजित प्रतियोगिता के रिकर्व राऊंड में 360 में से 342 अंक हासिल कर गोल्ड मेडल जीता था. महज 7 वर्ष 3 महीने में यह उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर उसने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में सबसे छोटी उम्र की खिलाडी के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है. एशिया बुक आफ रिकार्ड ने भी शरण्या सोनवणे को सबसे छोटी उम्र की खिलाडी के रूप में शामिल कर लिया है.
नगर एमआयडीसी के दमकल विभाग के मिनिल सोनवणे की बेटी शरण्या गैलेक्सी स्कूल की छात्रा हैं.संगठप के सेक्रेटरी अभिजित दलवी और शुभांगी रोकडे-दलवी के मार्गदर्शन में शरण्या धनुर्विद्या के गुर सीख रही हैं. इस सफलता के लिए पतिष्ठान की अध्यक्षा सरोज दलवी,उपाध्यक्षा मीरा बेरड,रूपेश चव्हाण,सुनील बेरड,डॉ.विट्ठल नरके,प्रशिक्षक किशोर बेरड,धनंजय करांडे,सचिन घावटे,पांडुरंग उदे,अभिजित वर्पे आदि ने शरण्या का अभिनंदन किया है.