औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). कर्ज की फाईल मंजूर करने व मंजूर किए हुए कर्ज की बकाया रकम बैंक से शिकायत कर्ता को देने के लिए सवा लाख की रिश्वत लेनेवाले लोकविकास नागरी सहकारी बैंक के अध्यक्ष व भाजपा नेता जगन्नाथ जाधव तथा बैंक का अकाउंटट आत्माराम संतराम पवार को एंटी करप्पशन ब्यूरों ने गिरफ्तार किया है. एसीबी द्वारा की गई इस कार्रवाई से औरंगाबाद के निजी बैंक अध्यक्ष व मैनेजरों में खलबली मची है.
– कर्ज की फाइल मंजूरी कराने के लिए ली रिश्वत
औरंगाबाद एसीबी के पुलिस अधीक्षक अरविंद चावरिया ने बताया कि 31 वर्षीय फिर्यादी युवक की अण्णासाहाब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल अंतर्गत लोकविकास नागरी सहकारी बैंक मर्यादित, औरंगाबाद शाखा की ओर से कर्ज की फाईल मंजूर करने एवं लोन की बकाया रकम बैंक से अदा करने के लिए आरोपी तथा बैंक के अध्यक्ष जेके जाधव ने सवा लाख रुपए की रिश्वत मांगकर उक्त रकम उनके शैक्षणिक संस्था में कार्यरत अकाउंटट आत्माराम पवार को देने के लिए कहा. रिश्वत देने की इच्छा न होने से फिर्यादी युवक ने एंटी करप्पशन ब्यूरों पहुंचकर आरोपी जेके जाधव के खिलाफ शिकायत लिखायी.
– अकाउंटेंट के माध्यम से स्वीकारी गई रिश्वत
एसीबी के एसपी अरविंद चावरिया ने बताया कि बैंक के अध्यक्ष जेके जाधव ने रिश्वत की रकम उनके एमआईडीसी सिडको परिसर में स्थित शिक्षण संस्था राजर्षि शाहु इन्सिटिटयूट के अकाउंटट आरोपी 52 वर्षीय आत्माराम संतराव पवार को देने के लिए कहा. जेके जाधव की सूचना पर फिर्यादी युवक गुरुवार की दोपहर सवा लाख की रिश्वत देने जाधव के एमआईडीसी सिडको परिसर में स्थित शिक्षण संस्था कार्यालय पहुंचा. इससे पूर्व एसीबी ने एमआईडीसी सिडको परिसर में स्थित जाधव के शैक्षणिक संस्था परिसर में जाल बिछाया. जैसे ही फिर्यादी ने रिश्वत की सवा लाख की रकम अकाउंटट आत्माराव पवार को सौंपी. पहले से जाल बिछाकर बैठे एसीबी की टीम ने अकाउंटट पवार को गिरफ्तार किया. अकाउंटट पवार ने एसीबी अधिकारियों को बताया कि उसने यह रकम बैंक के अध्यक्ष जेके जाधव के कहने पर स्वीकारी. एसीबी ने तत्काल जेके जाधव को भी गिरफ्तार किया.
– घर पर भी मारा छापा
एसीबी ने जेके जाधव को गिरफ्तार करते ही उसके घर छापा मारा. यह कार्रवाई एसपी अरविंद चावरिया, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिता जमादार, उपाधीक्षक सुजय घाटगे पाटिल के नेतृत्व में पीआई संदिप राजपूत, पुलिस नाईक बालासाहाब राठोड, सीपाही संतोष जोशी, केवल घुसिंगे, राजेन्द्र सीनकर ने पूरी की. एसीबी की इस कार्रवाई से लोन मंजूर करने के बहाने लाखों रुपए ऐंठनेवाले निजी बैंक के अध्यक्ष व अन्य अधिकारियों में खलबली मची है.